Udaipur. अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. बी. एल. कुमार ने कहा कि जब मनुष्य की औसतन आयु 33 वर्ष थी तब बीमारियां भी कम थी और मेडिकल सांइस भी इतना विकसित नहीं हुआ था। वर्तमान में औसत आयु बढक़र 77 वर्ष हो गई लेकिन उसके साथ बीमारियों में भी वृद्धि हुई और जनता भी बीमारियों के प्रति जागरूक हुई है।
वे कल वरिष्ठ नागरिक संस्थान ‘उमंग’ द्वारा आयोजित ‘ओस्टियोआर्थराईटिस’ विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होनें बताया कि ओस्टियोआर्थराईटिस बीमारी उम्र के अनुसार बढ़ती है। यह मुख्यत: शरीर के उन जॉइन्ट में पायी जाती है जिन पर शरीर का वजन अधिक पड़ता है। भारतीय परिप्रेक्ष्य में घुटनों की बीमारी, हिप जॉइन्ट व रीढ़ की हड्डी की बीमारी अधिक पायी जाती है। अमेरिका में 2 करोड़ लोग घुटनों की बीमारी से ग्रसित है।
डॉ. कुमार ने बताया कि 65 वर्ष की उम्र के बाद 60 से 90 प्रतिशत लोगों में यह बीमारी पायी जाती है। यह एक वश्ंाानुगत बीमारी है। 45 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं में ओस्टियोआर्थराईटिस की बीमारी अधिक पायी जाती है। घुटनों का दर्द होने पर रोगी को प्रतिदिन 45 मिनिट तक घुूमना चाहिए लेकिन तब तक जब दर्द कम हो। उन्होनें बताया कि ओस्टियोपोरोसिस बीमारी 50 वर्ष से अधिक 50 प्रतिशत महिलाओं व 30-45 प्रतिशत पुरूषों में पायी जाती है। इसका सर्वाधिक असर हिप जॉइन्ट व रीढ़ की हड्डी पर होता है। इसकी कमी विटामिन डी व कैल्शियम से पूरी की जा सकती है लेकिन बदलती जीवन शैली एवं खानपान के कारण हम इसकी पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं।
इस अवसर पर ममता वर्डिया ने सुंदर गीत प्रस्तुत किया तो शिवदानसिंह ने बांसुरी पर गीत सुन्दर प्रस्तुति दी। उमंग के संस्थापक अध्यक्ष डॅा. सुन्दरलाल दक ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि 5 व 6 दिसंबर को उमंग के स्थापना दिवस पर दो दिवसीय जड़ी-बूटी निशुल्क शिविर होगा जिसमें लुधियाना के वैद्य बी. आर. तनेजा 10 वीं बार उदयपुर आकर यहां विभिन्न रोगों का इलाज करेंगे। 5 दिसंबर को स्थापना दिवस पर शाम को सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम होगा।