उदयपुर। लक्ष्य बिना जीवन को कोई अस्तित्व नहीं है। मन में कुछ हासिल करने की ठान ले तो कोई भी कार्य करना असंभव नहीं है और ऐसा ही कुछ राजनगर निवासी 35 वर्षीय विनोद नंदवाना के साथ हुआ। उन्होंने जीवन में जीवन यापन के अनेक पड़ाव हासिल किए लेकिन आखिर में लाइव स्केच बनाने की जो लगन मन में जागी तो उसे आज तक निभा रहे है।
इस कला के लिए उन्होंने फाइन आर्ट की कोई शिक्षा तो अर्जित नहीं की लेकिन उस कला में अनुभव के आधार पर अतना अवश्य सीख लिया कि वे फाइन आर्ट के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने वाले छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान अवश्य दे रहे है। रूडा (रूरल नॉन फार्म डवलपमेंट एजेंसी) की ओर से टाऊनहॉल में आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला ‘गांधी शिल्प् बाजार 2013’ में जनता के लाइव स्केच बना रहे विनोद नंदवाना ने बताया कि वे मात्र 10 से 15 मिनिट में हाथों हाथ किसी का भी स्केच बनासकते है। मात्र 2 वर्ष में सीखी इस कला को वे दिल्ली, गोवा, हिमाचलप्रदेश, भुवनेश्वर, भोपाल, मेरठ जा कर वहंा पर इसी प्रकार की स्टॉल लगाते रहे है। इस दौरान स्थानीय फाइन आर्ट के आने वाले छात्रों को वे इस कला की बारिकियां सिखाकर व्यावहारिक प्रशिक्षण भी देते है जो उन्हें कॉलेेजों में उपलब्ध नहीं हो पाती है। हर जगह पर उन्हें जनता का अच्छा समर्थन मिल रहा है। शुरूआत में उन्होनें इस कला को सीखने के लिए बार-बार अभ्यास करना पड़ा और दो वर्षो में इस मुकाम पर पहुंच पाएं है।
विकास आयुक्त हेण्डीक्राफ्ट भारत सरकार नई दिल्ली के सहायक आयुक्त अशोक मीणा ने बताया कि गुरूवार को मेले का अंतिम दिन है। इन दिनों जनता का मेले के प्रति रूझान बढ़ता जा रहा है जिस कारण हस्तशिल्पकारों में उत्साह देखा जा रहा है। मेले की बिक्री 67 लाख पार हो गई है।