विधवा बहू को निर्वस्त्र कर मंदिर के खंभे से बांधकर पीटा
ससुर, देवर व ननद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
उदयपुर। चित्तौड़ग़ढ के बड़ी सादड़ी उपखंड स्थित नृसिंहपुरा गांव में मंगलवार सुबह हुई घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया। ससुर ने अपने बेटे व बेटी के साथ मिलकर अपनी ही विधवा बहू की न सिर्फ निर्वस्त्र कर पिटाई की बल्कि निर्वस्त्र हालात में गांव के मंदिर में ले जाकर खंभे से बांध दिया और उसके बेहोश होने तक मारपीट करते रहे।
ज्यादातार ग्रामीण खामोश रहकर तमाशबीन बने रहे और जिस परिवार ने इसकी खिलाफत की तो उनके साथ भी मारपीट की गई। मारपीट करने वालों के चले जाने के बाद आए पुजारी व गांव के एक अन्य व्यक्ति ने पीडि़ता का बंधन खोला तथा साड़ी से लपेटने के बाद उसे उपचार के लिए कानोड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां उसे भर्ती कर लिया गया है। इस घटना की सूचना के बावजूद पुलिस थानों में कई घंटों तक क्षेत्र के बंटवारे को लेकर चर्चा चलती रही। जब मामला उच्च स्तर पर पहुंचा तो बड़ी सादड़ी से पुलिस कानोड़ अस्पताल पहुंची तथा रिपेार्ट दर्ज करते हुए पीडि़ता के बयान दर्ज किए। पीडि़ता ने अपने ससुर, देवर तथा ननद के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है।
पीडि़ता ने बताया कि उसके पति की बीस साल पहले मौत हो गई थी और भूमि व संपत्ति का बंटवारे केा लेकर उसका परिजनों से विवाद चल रहा था। इसके चलते वह अलग घर में अपने शादीशुदा पुत्र व पुत्री के साथ रहती थी। पुत्र रोजगार के लिए बाहर गया हुआ था और मंगलवार सुबह साढ़े पांच बजे वह दुधारू पशुओं का दूध दुहने के बाद अपने ससुर के खेत से निकलकर घर लौट रही थी। तभी ससुर, देवर तथा ननद ने उसे पकड़ लिया तथा मारपीट करते हुए अपने घर ले गए। वहां उसे निर्वस्त्र करने हुए वे मारपीट करते हुए उसे गांव के मंदिर में ले गए तथा उसी की साड़ी से खंभे से बांधकर उसके साथ मारपीट की। ग्रामीणों ने यह मंजर देखा लेकिन पीडि़ता की मदद के लिए किसी ने हाथ नहीं बढ़ाए। लगातार मारपीट से लहुलूहान हुई पीडि़ता जब बेहोश हो गई तब गांव के बगदीराम व उसके परिवार के सदस्य वहां पहुंचे। उन्होंने पीडि़ता को बचाने का प्रयास किया तो उनके साथ भी मारपीट की गई। मारपीट करने वालों के चले जाने के बाद आए मंदिर के पुजारी तथा गांव के मोहनलाल ने पीडि़ता को बंधन से मुक्त कराया तथा साड़ी से लपेटने के बाद उसे निजी वाहन से कानोड़ अस्पताल ले गए थे।
सूचना के आठ घंटे बाद पहुंची पुलिस
घटना की सूचना मिलने के करीब आठ घंटे बाद पुलिस पीडि़ता से मिलने पहुंची थी। बताया गया कि घटना की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस उपाधीक्षक सीताराम मिश्रा को दी थी लेकिन उन्होंने इस मसले पर थाने में संपर्क करने की बात कहकर जिम्मेदारी से हाथ झाड़ लिया बताया। इसके बाद कई घंटों तक इस बात पर पुलिस अधिकारियों के बीच चर्चा चलती रही कि घटनाक्रम बड़ीसादड़ी थाना क्षेत्र का है कानोड़ थाना क्षेत्र का। जब मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो बड़ी सादड़ी थानाधिकारी भंवरसिंह राठौड़ को भेजा गया। वे कानोड़ अस्पताल आए तथा पीडि़ता के बयान लेने के बाद उसके ससुर, देवर तथा ननद के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की।