ट्रेड यूनियन की तरह मांगों के लिए लड़ने वाले संगठन नहीं बनकर रह जाएं
शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रांतीय अधिवेशन में शिक्षकों का सैलाब उमड़ा
उदयपुर। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षक संकल्प करें कि वे आदर्श शिक्षक बनेंगे। शिक्षक संघ ट्रेड यूनियनों की तरह मात्र अपनी मांगों के लिए लड़ने वाला संगठन ही नहीं रह जाये। शिक्षक के हितों के साथ शिक्षा की चिंता करने का भी पूर्ण दायित्व शिक्षक संघों का हैं।
वे शुक्रवार को फतह स्कूल में आयोजित राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय प्रांतीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंयने कहा कि शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) देश के पुननिर्माण में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय हित, शिक्षा की गुणवत्ता श्रेष्ठ शिक्षक कैसे बने, इसकी चर्चा यह संगठन करता है। देवनानी ने कहा कि पिछली सरकार की अव्यावहारिक नीतियों से शिक्षा में पिछड़ापन आ गया है जिसे हमे सुधारेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव घोषणा पत्र में जो घोषणाएं की गई हैं उन्हें यह सरकार अक्षरशः पूरा करेगी। सभी रिक्त पदों को भरा जायेगा। टेट परीक्षा का सरलीकरण होगा। मध्याह् भोजन व्यवस्था सुधारी जायेगी। मानदेय बढ़ाया जायेगा।
मुख्य वक्ता अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेन्द्र कपूर ने कहा कि पिछली सरकार ने एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लाकर हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। महाराणा प्रताप जैसे महापुरुषों के जीवनचारित्र को पाठ्यक्रम से हटाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रांतीय अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने दिया। प्रांतीय महामंत्री देवलाल गोचर ने महामंत्री प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सुबह ध्वजारोहण में प्रहलाद शर्मा, देवलाल गोचर, यशोदा दशोरा, अरविंद व्यास सहित भारी संख्या में शिक्षक उपस्थित थे।
जयदेव पाठक स्मृति व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए क्षेत्रीय प्रचारक दुर्गादास ने कहा कि हम सभी में सामाजिक समरसता, संवेदना के भाव होने चाहिए। आत्मीयतापूर्ण सम्बंध तथा सेवा के माध्यम से ही हम समाज को जोड़ सकते हैं। सत्र की अध्यक्षता प्रांतीय संरक्षक नानक कुंदनानी ने की। लगभग दो घण्टे तक शिक्षकों की भारी उपस्थिति से मार्ग अवरूद्ध रहा। अधिवेशन के संयोजक शंकर वया व प्रांतीय संगठन मंत्री सुन्दर जैन ने परिचय तथा स्वागत उद्बोधन दिया। अधिवेशन के दौरान अधिवेशन स्मारिका अभ्यर्पण का विमोचन किया गया। जिसके सम्पादक प्रकाश वया, चन्द्रशेखर परसाई आदि है। संयोजन प्रांतीय उपाध्यक्ष अरविंद व्यास ने किया। सरस्वती वंदना तथा स्वागत गीत रेजीडेन्सी की बालिकाओं द्वारा किया गया।
इस अधिवेशन में संपूर्ण राजस्थान के कौने-कौने से 8 हजार से अधिक शिक्षक उपस्थित हुए, पाण्डाल खचा-खच भरा हुआ था तथा शिक्षक बाहर भी खड़े थे, सभी शिक्षकों के आवास, भोजन तथा अन्य प्रकार की समुचित व्यवस्थाओं के लिए उदयपुर संभाग के 450 से अधिक शिक्षक दिनरात सक्रिय हैं। सम्मेलन के सहसंयोजक पुरूषोत्तम दवे, उपसंयोजक भौमसिंह चुण्डावत, चन्द्रप्रकाश मेहता, संयुक्त मंत्री शशिकान्त शाह, कोषाध्यक्ष बसंत श्रीमाली, नटवरलाल पांचाल, राजकमल लौहार, रमेशचंद तेली, शाहेदा परवीन आदि ने अतिथियों का सम्मान किया।