अम्बेश स्मृति समारोह : भामाशाहों का किया बहुमान
फतहनगर. वर्तमान में समाज में संस्कृति का पतन हो रहा है तथा इससे समाज गर्त में जा रहा है। संस्कृति को बचाने का जिम्मा केवल संत-साध्वियों का ही नहीं है अपितु इसमें श्रावक-श्राविकाओं को भी आगे आना चाहिए।
ये विचार मेवाड़ प्रवर्तक महाश्रमण मदन मुनि पथिक ने शनिवार को मेवाड़ संघ शिरोमणि पूज्य प्रवर्तक अम्बालाल मसा के 20 वें स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित स्मृति समारोह को सम्बोधित करते हुए व्यकत किए। उन्होंने कहा कि संस्कृति को बचाने के लिए समाजजन पाठशालाएं खोलें। उन्होन अम्बेश मुनि के जीवन पर प्रकाश डाला तथा प्रेरणा लेकर अपने जीवन का उद्वार करने की बात कही। प्रवर्तक प्रकाश मुनि ने कहा कि सद्गुरू का मिलना दुर्लभ है। अनन्त पुण्यों के प्रभाव से ही सद्गुरू मिलते हैं। सबसे बड़ा गुरु है जो हमारे जीवन को तारता है। जिन शासन में भी गुरू का बड़ा महत्व है। महासती रमणीकंवर ने कहा कि जीवन में जन्म-मरण का क्रम चलता रहता है लेकिन अपने आप को परोपकार में लगाने वाला ही जीवन को सार्थक बना पाता है। उन्होंने महापुरूषों की शिक्षा को जीवन में उतार कर जीवन को सफल बनाने की प्ररेणा दी। समारोह में रविन्द्र मुनि, साध्वी संयमप्रभा, विजयप्रभा आदि ने भी प्रवचन प्रदान किए। शुरुआत प्रदीप मुनि के मंगलाचरण से हुई। महासती राजमती ने मंगल गीत की प्रस्तुति दी जबकि बहू मण्डल द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। स्वागत भाषण पावनधाम संस्थान के अध्यक्ष मनोहरलाल लोढ़ा ने प्रस्तुत किया जबकि प्रमुख प्रकाश सिंघवी ने प्रतिवेदन एवं मंत्री बलवन्तसिंह हिंगड़ ने आभार व्यक्तज किया। भामाशाहों का भी पावनधाम संस्थान के पदाधिकारियों द्वारा अभिनन्दन किया गया। संचालन ओम समदर्शी ने किया।
ये रहे समारोह के अतिथि : समारोह में शिरकत करने के लिए बड़ी संख्या में देश के विभिन्न इलाकों से श्रावक-श्राविकाएं पावनधाम में उपस्थित हुए। इनमें भी मुम्बई से आने वाले श्रावक-श्राविकाओं की तादाद काफी रही। समरोह की अध्यक्षता इन्द्रमल पगारिया ने की जबकि सुन्दरलाल खेरोदिया एवं परिवारजनों ने ध्वजारोहण कर कार्यक्रम को गति दी। शोकिन कुमार लोढ़ा मुख्य अतिथि थे जबकि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत,कोटा के सेशन न्यायाधीश प्रकाशचन्द्र पगारिया, बड़ी सादड़ी विधायक गौतम दक, मावली विधायक दलीचंद डांगी एवं मावली प्रधान सुशील ओस्तवाल प्रमुख अतिथि थे। समारोह गौरव के रूप में मेवाड़ संघ मुम्बई के पूर्व अध्यक्ष मीठालाल सिंघवी, जैन कॉन्फ्रेंस राजस्थान के अध्यक्ष कंवरलाल सूर्या, गुजरात जैन कॉन्फ्रेंंस के अध्यक्ष पप्पूभाई सूर्या, जैन कॉन्फ्रेंस राज. के उपाध्यक्ष नरेश लोढ़ा, लक्ष्मीलाल महावीर कुमार तातेड़, कन्हैयालाल कोठारी, सुनिल वामन चौधरी, अम्बालाल नवलखा, गोपाल चपलोत एवं नरेन्द्र कुमार गोपाल सहलोत मौजूद थे। कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष इन्द्रमल बड़ाला तथा परिवारजनों ने सभी का माला, सरोपा एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया। पत्रिका सौजन्य के लाभार्थी नेमीचंद धाकड़, अम्बेश द्वार लोकार्पण के लाभार्थी पतासीबाई खरवड़ एवं स्वधर्मी वात्सल्य के लाभार्थी सुरेशचन्द्र गुणवन्तकुमार खेरोदिया का भी स्वागत किया। समारोह के दौरान ही रक्तेदान भी चला जिसमें अशोक जैन, नितिन सेठिया एवं सम्पत बापना के नेतृत्व में 78 यूनिट रकतदान किया गया। रक्तम सरला लड बैंक भिजवाया गया।
भजन संध्या में किया गुरु का गुणगान : पूर्व संध्या पर शुक्रवार की रात्रि को एक शाम गुरू अम्बेश के नाम में मुम्बई के दिलीप बी. पुनमिया एण्ड पार्टी द्वारा भकित भजनों की प्रस्तुतियां दी जाएगी। देर रात तक चले इस कार्यक्रम में अम्बेश मुनि एवं पावनधाम पर आधारित भजनों की सरिता बही। कार्यक्रम में पैदल यात्रियों समेत बड़ी संख्या में नगरवासी मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा शाखा दिल्ली के उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार पगारिया ने की जबकि जबकि अहमदाबाद निवासी रोशनलाल हिंगड़ मुख्य अतिथि थे।
पारणा महोत्सव 2 मई को : अक्षय तृतीया के पारणे इस मर्तबा 2 मई को पावनधाम में होंगे। कार्यक्रम में सानिध्य प्रदान करने के लिए श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्यमुनि कुमुद मुम्बई से मेवाड़ की ओर विहार पर हैं। समारोह में श्रावक-श्राविकाओं को बताया गया कि इस समय सौभाग्य मुनि नासिक पहुंच चुके हैं। इसके अलावा मेवाड़ प्रवर्तक मदनमुनि भी वर्षी तप साधकों को सानिध्य प्रदान करेंगे।
जेब कतरों की पौ बारह : समारोह के दौरान भारी भीड़ का फायदा उठाकर जेब कतरे भी सक्रिय हो गए। कुछ लोगों के पर्स चेारी हो गए तो कुछ के पर्स से रूपए निकाल कर पर्स फैंक गए। समारोह के बीच में ही जब इसकी जानकारी आयोजकों को मिली तो उन्होने मंच से बकायदा जेब कतरों से सावधान रहने की उद्घोषणा भी की लेकिन फिर भी जेबकतरे जेब तराशी करने में कामयाब रहे।