शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) का प्रांतीय अधिवेशन का समापन
खुले अधिवेशन में प्रस्ताव पारित
उदयपुर। आठवीं तक फेल नहीं करना देश की नींव को कमजोर करना है। इससे शिक्षण व्यवस्था कमजोर हो जायेगी। भावानात्मक और चारित्रिक विकास इन दोनों पर सरकार ने नहीं सोचा, जबकि इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। यह विचार सुविवि के पूर्व कुलपति प्रो. बी. एल. चौधरी ने राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रांतीय अधिवेशन के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये।
चौधरी ने कहा कि हिन्दुस्तान को बदलने की शक्ति शिक्षकों में हैं, जब तक शिक्षक हुंकार नहीं भरेगा कुछ नहीं होगा। अधिवेशन के संयोजक शंकर वया ने कहा कि समापन सत्र में भी भारी संख्या में शिक्षकों की उपस्थित थी। शिक्षक उत्साह के साथ नारे लगा रहे थे। अधिवेशन की सफलता पर समस्त प्रांत के शिक्षक काफी खुश नजर आ रहे थे तथा उनमें नया आत्म विश्वास दिखाई दे रहा था। महिला शिक्षिकाएं भी बढ़चढ़कर प्रत्येक गतिविधि में खुलकर भाग ले रही थीं। खुले अधिवेशन में प्रत्येक जिले के प्रतिनिधियों को अपनी बात कहने का अवसर दिया गया, जिसके कारण काफी संख्या में प्रस्ताव प्राप्त हुए जिन्हें इकजाई कर एक मांग पत्र तैयार किया गया। संयोजन अरविंद व्यास ने तथा सरस्वती वंदना रेजीडेन्सी स्कूल की बालिकाओं ने किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में भागवन्त विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति डॉ. लोकेश शेखावत ने कहा कि शिक्षक भारतीय पंरपरा और मूल्यों के अनुरूप आचरण करें। नसीहत देने वाले खुद बदले तो जमाना बदलता है और इसका असर जीवन भर रहता हैं। हमें खतरा बुरे लोगों से नहीं वरन् अच्छे लोगों के नहीं आने से है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उदयपुर ग्रामीण विकास फुलसिंह मीणा ने कहा कि अधिवेशन में जो बताया गया है उस पर यदि शिक्षक अमल करें तो बच्चों का निश्चित ही विकास होगा। इन्होंने आश्वासन दिया कि जो भी वाजिब समस्या होगी। उनका समाधान जरूर किया जायेगा। जरूरी यह है कि शिक्षक समय पर अपनी ड्यूटी बजाकर सही शिक्षा दें, तभी रिजल्ट अच्छा होगा। बच्चों को समझा बुझाकर शिक्षा देना शिक्षक पर निर्भर हैं। सागवाड़ा की विधायक अनिता कटारा ने विशिष्टक अतिथि के रूप में कहा कि वे पूर्व में इसी संगठन की महिला मंत्री रह चुकी हैं। उन्होंने कहा कि यह संगठन मेरा पीहर है अतः विधानसभा रूपी ससुराल में जाकर मैं अपने पीहर को नहीं भूल सकती। उनकी समस्याओं का समाधान जरूर करूंगी। प्रांतीय संगठन मंत्री महावीर प्रसाद सिंहल ने संगठन की गतिविधियों की जानकारी दी। समापन सत्र को संयोजक शंकर वया, सहसंयोजक पुरूषोतम दवे, उप संयोजक चन्द्रप्रकाश मेहता ने भी सम्बोधित किया।
खुला अधिवेशन : अधिवेशन में प्रांतीय अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा, महामंत्री देवलाल गोचर और प्रांतीय उपसभाध्यक्ष बलवंतसिंह राजपुरोहित, राम बाबु शर्मा उपस्थित थे। विभिन्न जिलों के शिक्षकों ने जो प्रस्ताव रखे उन प्रस्तावों को संगठन के मांग पत्र के साथ संशोधित अद्यतन कर प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को प्रेषित किये गए। वरिष्ठ शिक्षक अर्जुन मंत्री, प्रांतीय संगठन मंत्री सुन्दर जैन, चन्द्रशेखर परसाई, प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रकाश वया, जिला संयुक्त मंत्री शशिकान्त शाह, कोषाध्यक्ष बसंती श्रीमाली, रमेश तेली, नटवर पांचाल, राजकमल लौहार, शाहेदा परवीन, वंदना शर्मा आदि ने अतिथिों का सम्मान किया।