फतहनगर. मेवाड़ प्रवर्तक महाश्रमण मदन मुनि ने कहा कि सेवा सुखदायी होती है। सेवा करने वाला कभी भी अपने नाम को नहीं चाहता। सेवा से उसे संतोष की प्राप्ति होती है। सेवा के क्षेत्र में भी रोगियों की सेवा महत्वपूर्ण है। ये विचार मदन मुनि ने रविवार को पावनधाम प्रांगण में व्यक्तय किए।
महासती विजयप्रभा ने सेवा कार्य करने वाले चिकित्सकों के मंगलमयी जीवन की कामना करते हुए कहा कि पावनधाम में आयुर्वेद चिकित्सा शिविर के माध्यम से 38 पाइल्स के रोगियों को जो शांति प्रदान की है वह चिरस्थायी रहेगी। कार्यक्रम में धनवन्तरि आयुर्वेद सेवा समिति भटेवर के संस्थापक देवीलाल मेनारिया ने शिविर की जानकारी रखी। पाइल्स के ऑपरेशन करने वाले सेवा निवृत्ते जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. जयंत कुमार व्यास का पावनधाम संस्थान द्वारा अभिनन्दन किया गया। इस अवसर पर पावनधाम के मंत्री बलवन्तसिंह हिंगड़, पालिका उपाध्यक्ष हमीदाबानु मंसुरी, श्रीसंघ प्रमुख पूरणमल सिंयाल, कंवरलाल पीपाड़ा आदि ने भी विचार रखे। हिंगड़ ने बताया कि पावनधाम में लगने वाले बाल चिकित्सा शिविरों के कार्यक्रम में मामूली फेरबदल किया गया है। अब से प्रत्येक गुरूवार एवं रविवार को बाल रोग विशेषज्ञ सौभाग्य शिशु सेवा केन्द्र पर दोपहर 12 से 3 बजे तक सेवाएं देंगे। आज भी 25 बच्चों की जांच,परामर्श एवं चिकित्सा की गई।
इधर पावनधाम में विराजित महाश्रमण मदनमुनि के लिए सनवाड़ से शांतिलाल चण्डालिया, लादुलाल चण्डालिया, राजकुमार उनिया, श्रीसंघ अध्यक्ष सुनिल कुमार सेठिया, समरथलाल तथा अन्य प्रमुख लोग आए तथा सनवाड़ के लिए महाश्रमण से विनती की। पावनधाम में रविवार को दिनभर श्रावक-श्राविकाओं की आवा जाही लगी रही तथा मेवाड़ प्रवर्तक से लोग आशीर्वाद लेते रहे। स्मृति समारोह को लेकर पावनधाम में आए सभी संत एवं साध्वियां विराजित हैं। सोमवार को सुबह मदन मुनि तथा अन्य संतों के प्रवचन होंगे।