मांसपेशियों व अस्थियों की बीमारी में फिजियोथेरेपी पर राष्ट्रीय सेमीनार
उदयपुर। अब समय आ गया है जब मरीजों को एलोपैथी एवं अन्य सभी प्रकार के उपचार के अतिरिक्त फिजियोथैरेपी चिकित्सा की अनिवार्यता एवं इसके प्रति विश्वास बढ़ता जा रहा है। इसे कायम रखते हुये अधिक से अधिक शोध कर आमजन को राहत पहुंचानी चाहिए।
ये विचार राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड) यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति प्रो. भवानी शंकर गर्ग ने व्यवक्त् किए। वे रविवार को प्रतापनगर स्थित प्रबन्ध अध्ययन संकाय के सेमीनार सभागार में फिजियोथेरेपी कॉलेज द्वारा ‘क्लिनिकल इन्टरवेशन एण्ड फिजियोथेरेपी मेनेजमेन्ट इन ऑर्थोपेडिक एण्ड मस्कूलों स्कल्टल कन्डिशन‘ विषयक सेमिनार को मुख्यर अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
आयोजन सचिव एवं फिजियोथेरेपी कॉलेज डबोक के प्राचार्य डॉ. शैलेन्द्र मेहता ने बताया कि कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने भी विचार व्योक्तन किए। विशिष्ट अतिथि विधायक फूलसिंह मीणा, सराडा़ विधायक एवं चौधरी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. बी. आर. चौधरी आदि उपस्थित थे। सेमीनार में प्रतिभागियों को उक्त विषय पर विस्तृत ज्ञान एवं चर्चा करने हेतु सन्दर्भ व्यक्ति के रूप में इण्डियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट के अध्यक्ष एवं मेनुअल थेरेपी फाउण्डेशन के निदेशक डॉ. उमाशंकर मोहन्ती व सेल बी हॉस्पीटल के ऑथोस्कोपी सर्जन डॉ. प्रथमेश जैन एवं आमेटा ऑर्थोपेडिक हॉस्पिटल के निदेशक एवं उदयपुर शहर के विख्यात ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. सी. के. आमेटा ने उपस्थिति दर्ज की। सेमीनार में राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, दिल्ली आदि क्षेत्रों से फिजियोथेरेपी विधा से जुडे लगभग 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया।