मकर संक्रांति पर हुए आयोजन
उदयपुर। भगवान सूर्यनारायण के मकर राशि में प्रवेश पर आज मकर संक्रांति पर शहर में काफी धूम रही। मैदान तो मैदान, गलियों में भी लोगों ने रास्ते रोककर सितोलिया, क्रिकेट खेले वहीं दान-पुण्य किए। गायों को रिजका डलवाया गया। मान्यता है कि आज से सर्दी का असर कम हो जाता है।
मेवाड़ में परंपरानुसार सुबह से याचकों का आना शुरू हो गया। सर्द ऋतु के कारण हालांकि घरों के दरवाजे देर से खुले लेकिन याचकों की आवाज से भी लोगों की नींद खुली। जगदीश मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा अनुष्ठानन हुए। याचकों को श्रद्धानुसार कपडे़, अन्न,दान किया वहीं गायों को रिजका डलवाया। भगवान को तिल के बने व्यंजन, लड्डू का भोग लगाया गया। इस अवसर पर तिल का दान करने की विशेष मान्यकता है। घरों में गेहूं एवं दूध का खीच बनाया गया। अहमदाबाद की तर्ज पर यहां भी हालांकि पतंगबाजी हुई लेकिन अपेक्षाकृत कम। यहां निर्जला एकादशी पर पतंग उड़ाने की परम्पंरा है। खेल मैदान सुबह से भरे रहे। युवा व बच्चे समूह में क्रिकेट, खो-खो खेले। सितोलिया का आनंद महिलाओं ने अपने अपने मोहल्लों, कॉलोनियों में लिया।
फील्ड क्लब में मार्बल एसोसिएशन एवं मार्बल प्रोसेसर्स समिति के सदस्यों की फील्ड क्लब पर क्रिकेट सहित अन्य स्पर्धाएं हुईं।
किचन से बाहर आकर खूब खेली सितोलिया
फतहनगर. मकर संक्रान्ति पर नगर में खूब दान पुण्य हुए। सुबह सर्दी के बावजूद गली मोहल्लों में लोगों ने गायों को हरा चारा डाला जबकि घर की दहलीज पर आए प्रत्येक याचक को तिल से बने व्यजंन,कपड़े एवं अन्य वस्तुएं दान की। दान पुण्य का क्रम शाम तक भी चलता रहा। बाजारों में कई लोगों ने भूखों को भोजन करवा कर पुण्यार्जन किया। यहां की श्रीकृष्ण महावीर गौशाला में भी नगर के प्रबुद्धजनों की मौजूदगी में लपसी का वितरण किया गया। गायों को हरा चारा डाला गया। गली-मोहल्लों में सितोलिया खेलने का दौर दोपहर बाद शुरू हुआ। गृहिणियां भी घरों से निकलकर बाहर आई तथा सितोलिया खेलने का भरपूर लुत्फ लिया। युवाओं के अलावा बच्चे भी दिनभर सितोलिया खेलने में मशगूल रहे। घरों में बने तिल पपड़ी के व्यंजनों का स्वाद लिया गया। मौसम ने भी मंगलवार को पलटा खाया तथा दिन में खिली धूप से पसीना होने लगा। ऐसा माना जाता है कि इस दिन से ही मौसम में परिवर्तन शुरू हो जाता है तथा दिन बड़े होने लगते हैं। ईंटाली में भी घरों में खीच बना। तिल के व्यजंनों का ग्रामीणों ने लुत्फ उठाया। खरताणा, सनवाड़, चंगेड़ी समेत आसपास के गांवों में मकर सक्रांन्ति का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया।