फतहनगर. श्रमण संघीय प्रवर्तक महाश्रमण मदन मुनि म.सा.एवं राष्टसंत कमल मुनि म.सा. कमलेश का मावली स्टेशन के जैन स्थानक में लम्बे अन्तराल के बाद मधुर मिलन हुआ। दोनों ही संतों ने एक दूसरे की कुशलक्षेम पूछी तथा संत एवं समाज उत्थान हेतु चर्चा की।
मुनि कमलेश ने फरमाया कि माटी और सोना जिनकी निगाहों में समान होता है, जो अभिशाप के बदले वरदान प्रदान करते है, वह किसी परम्परा के संत कयों न हो विश्व वंदनीय की श्रेणी में आते है। मुनि श्री ने फरमाया कि विलासिता एवं साधुता में छाीस का आंकड़ा होता है। संत सुख-दु:ख और मान-अपमान की परवाह न करते हुए नि:स्वार्थ भाव से प्राणी मात्र को परमात्मा स्वरूप मानकर समर्पित हो जाता है। मुनि श्री ने संत समाज से आहन किया कि संत मानवता का माली बने। सभी धर्माचार्यो को मिलकर संतो की एक न्यूनतम आचार संहिता तैयार करनी चाहिये। जिसमें उपासक भी शामिल हो। प्रवर्तक श्री मदन मुनि जी ने कहा कि संत एवं श्रावक को समाज कल्याण हेतु समर्पित रहना चाहिए। प्रवर्तक श्री मदन मुनि जी एवं राष्टसंत श्री कमल मुनि जी म.सा. कमलेश ने नैतिकता के बिना आध्यात्मिकता में प्रवेश नहीं,पयार्वरण रक्षा, नशा मुक्ति,देश भक्ति, सर्व धर्म समभाव आदि पर चर्चा की। इस मधुर मिलन के अवसर पर घनश्याम मुनि, श्री अभिजित मुनि, श्री अरिहंत मुनि, श्री धैर्य मुनि, श्री रविन्द्र मुनि, श्री धीरज मुनि आदि संत उपस्थित थे। इस अवसर पर मांगीलाल कुमठ, मोतीलाल खटवड़, प्रकाश रायसोनी, बाबुलाल कुमठ, दलीचन्द दिव्येश, शांतिलाल कोठारी, शांतिलाल सिंयाल आदि उपस्थित थे। मुनि कमलेश ने बताया कि वल्लभनगर में महावीर कृष्ण गौशाला का प्रस्ताव पास हुआ है तथा इसके लिए सवा तीन लाख की राशि एकत्रित हो चुकी है।
फोटो: २ फतहनगर। मावली में मेवाड़ प्रवर्तक मदनमुनि एवं कमलमुनि के मिलने के अवसर पर मौजूद संत। फोटो: राहुल चावड़ा