रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा ‘लोकमत परिष्कार’ विषयक वार्ता
उदयपुर। आजादी के 65 वर्ष बाद भी यह दुर्भाग्य है कि देश का लोकमत ज्ञान के अभाव में प्रदुषित है। देश का मतदाता आज भी परिष्कृत नहीं हो पाया है। यही कारण है कि देश का सिद्धान्तहीन मतदान सिद्धान्तहीन राजनीति का जनक है। यदि मतदाता भ्रष्ट है तो उसके द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि से ईमानदारी की अपेक्षा कैसे की जा सकती है। मतदाता को किसी भी प्रकार के प्रलोभन से दूर रह कर निर्भिक रूप से मतदान करना होगा।
सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के फेकल्टी ऑफ एज्यूकेशन के चेयरमेन प्रो. डॅा.कैलाश सोडाणी कल रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित ‘लोकमत का परिष्कार’ विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होनें कहा कि यह भी दुर्भाग्य है कि देश का मतदाता अपने संासद या विधायक से यही अपेक्षा रखता है कि वह मात्र उसके सुख-दुख में भाग लें। आज भी मतदाता अपने मतदान के अधिकार के प्रति जागरूक नहीं हुआ है। परिणाम स्वरूप 70 से 75 प्रतिशत मतदाता ही मतदान कर रहे है। ये मत भी अनेक प्रत्याशियों में विभाजित हो जाते है और मात्र 30 से 35 प्रतिशत मत प्राप्त करने वाला प्रत्याशी जनप्रतिनिधि बन जताा है।
उन्होनें कहा कि यदि मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा तो निश्चित रूप से राजनीति में जातिवाद समाप्त होगा। यह दुर्भाग्य है कि मत और कर देने के पश्चात दाता याचक बन जाता है। मत देने से सरकार बनती है और कर देने से सरकार चलती है। करदाता द्वारा कर नहीं दिये जाने पर उससे कर वसूलने के लिए सरकार ने अनेक व्यवस्थाएं कर रखी है लेकिन अफसोस इस बात का है कि वर्षो से मतदान नहीं करने के बावजूद मतदाता के प्रति किसी प्रकार की कार्यवाही या कोई संवैधानिक व्यवस्था नहीं होने के कारण वह अपने मत के उपयोग के प्रति जागरूक नहीं हुआ है जबकि यही मतदाता सभी सरकारी सुविधाओं को उम्र भर उपभोग करता रहता है।
डॅा. सोडाणी ने कहा कि मतदाता को जागरूक करने की प्रक्रिया ही लोकमत का परिष्कार कहलाती है। मतदान के बढ़ते प्रतिशत में मीडिया और चुनाव आयोग की अहम भूमिका रही है और रहगी। आपातकाल के मामूली से बुखार के अतिरिक्त भारत का लोकतंत्र कभी अस्पताल में भर्ती नहीं हुआ है।
सुझाव : डॅा. सोडाणी ने सुझाव दिये कि किसी भी प्रकार का चुनाव जीतनें के लिए कम से कम 51 प्रतिशत मत प्राप्त करना अनिवार्य हो, पंचायत,नगर परिषद,विधानसभा व संसद के चुनाव एक साथ एक ही दिन होने से मतदान का प्रतिशत तेजी से बढ़ेगा,चुनावी खर्च घटेगा औ उत्पादक समय की भी बचत होगी। इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष बी.एल.मेहता ने भी अपने विचाार व्यक्त किये। संयुक्त सचिव सुभाष सिंघवी ने आगामी सप्ताह आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। प्रारम्भ में अंजना जैन ने ईश वंदना प्रस्तुत की। दीपक मेहता ने प्रो. डॅा. सोडाणी का परिचय दिया जबकि अन्त में पदम दुगड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया। पूर्व प्रान्तपाल निर्मल ङ्क्षसघवी ने डॅा. सोडाणी को स्मृति चिन्ह प्रदान किया।