उदयपुर। शनिवार को शहर में विभिन्न स्थानों पर शनि महाराज की मूर्ति लेकर भीख मांगने वाले बच्चों को यह मूर्तियां कुछ लोगों द्वारा किराए पर उपलब्ध करवाई जाती है। जिसमें दो लोगों के नाम जिला प्रशासन के सामने आ चुके है जिनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।
जिला कलक्टर आशुतोष ए. टी. पेडणेकर ने बताया कि शहर में तीन कथित ‘ठेकेदार’ ऐसे है जो प्रत्येक शनिवार को इन बच्चों को इस तरह से शनि महाराज की मूर्ति देने वाले काम कर रहे है। इसके लिए वे किराया लेते है। दो लोगों के पास इस तरह की सैकड़ों की संख्या में मूर्तियां है, जिनके खिलाफ कठोर कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया है। जिला कलेक्टर ने यह कार्यवाही शनिवार से पहले करने के लिए कहा है।
याचकों को प्रशिक्षण देकर लगाएंगे काम पर
जिला प्रशासन ने एक सर्वे करवाकर भीख मांग कर शहर की खुबसूरती पर दाग बन चुके इन लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने का मानस बना चुका है। जिला प्रशासन के सर्वे में 161 लोगों द्वारा विभिन्न चौराहों पर भीख मांगना सामने आया है। शहर में भीख मांगने वालों को हटाने के लिए जिला कलेक्टर ने शहर की स्वयं सेवी संस्थाओं की एक बैठक का आयोजन कर सख्ती से कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया। जिला कलेक्टर आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने बताया कि शनिवार को शहर में विभिन्न स्थानों पर छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़ो तक शनि महाराज की मूर्ति के साथ भीख मांगना देखा गया है। इससे शहर की खूबसूरती पर एक बदनुमा दाग बन जाता है। इन बच्चों द्वारा शहर में आने वाले पर्यटकों को खासा परेशान किया जाता है। जिससे पर्यटकों के मानस पटल पर शहर की खूबसूरती के साथ-साथ यह नजारा भी कैद हो जाता है।
पेडणेकर ने बताया कि शहर को भिखारियों से मुक्त करने के लिए और इन लोगों को रोजगार देने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। ताकि शहर की खुबसूरती बनी रहे। उन्होंाने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में शहर की सभी स्वयंसेवी संस्थाओं और अधिकारियों की एक बैठक का आयोजन किया। जिला कलक्टर ने बताया कि पूर्व में एक सर्वे करवाया गया था, जिसमें सामने आया कि प्रतिदिन शहर में इस तरह से 161 लोग भिक्षावृति करते है, जिससे कई लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिला कलेक्टर ने सभी संबंधित विभागों से कहा कि ऐसे लोगों की जांच की जाए और शहर में भिक्षावृति को पूरी तरह से रोक दिया जाए। इसके साथ ही स्वयं सेवी संस्थाओं से कहा कि वे भीख मांगने वाले युवकों को रोजगार का प्रशिक्षण देंवे ताकि भीख मांगने वालों को भी रोजगार मुहैया हो सके। इसके साथ ही जिला कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से कहा कि छोटे-छोटे बच्चे जो भीख मांगते है उनके नजदीकी विद्यालय में पढ़ाई की व्यवस्था की जाए।
बाल श्रम पर भी हो प्रभावी कार्यवाही
इसके साथ ही जिला कलेक्टर ने अधिकारियों की एक बैठक का आयोजन कर शहर में बाल श्रम करवाने वाले ठेकेदारों को चयनित कर कठोर कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया है। इसमें बताया कि बाल श्रम करवाने वालों से मौके पर ही नियमानुसार 25 हजार रूपए का जुर्माना लिया जाए और उनके खिलाफ विधि सम्मत कार्यवाही करे।