मेट्रो व रिफाइनरी पर जयपुर में कांग्रेस का प्रदर्शन 20 को
उदयपुर। केन्द्रीय कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि मिशन बनाने का काम वो करते हैं जो वोट बैंक को अपनी जेब में समझते हैं। कांग्रेस मिशन में विश्वा स नहीं रखती। वो किसानों, गरीबों की पार्टी है जिसका ध्यान सिर्फ और सिर्फ जनहित में काम करना है।
वे सर्किट हाउस में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा किविपक्षी पार्टी ने मिशन 25, मिशन 272 आदि बनाए हैं। हमें समझ नहीं आता कि मिशन बनाकर कहां जाना है। हम सत्ता के लिए कभी नहीं लडे़। न ही राहुल गांधी और न ही सोनिया गांधी। राज्य में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा जनहित के लिए लिए किए गए कई निर्णयों को जारी रखने पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। इनमें रिफाइनरी लगाने एवं जयपुर में मेट्रो ट्रेन चालू करने की योजना भी शामिल है। पूर्व सरकार की योजनाओं को बंद करने की जब कांग्रेस ने आशंका जताई तो लोकसभा चुनाव देखते हुए हाल ही में मुख्योमंत्री ने बयान दिया कि पार्टी की ऐसी कोई मंशा नहीं है। हम तो सिर्फ पुनरीक्षण करेंगे और उनसे जनता का अधिक से अधिक हित कैसे हो सकता है, इस पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता शुक्रवार को जयपुर में पार्टी कार्यालय से रैली निकालेंगे और विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने मांग की है कि सरकार कल विधानसभा के पटल पर रिफाइनरी एवं मेट्रो ट्रेन सहित अन्य जनहित की योजनाओं को चालू रखने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
पायलट ने कहा कि राज्यच सरकार गत 10 दिन से भरतपुर संभाग में है जो सिर्फ और सिर्फ भाजपा का प्रचार कर रही है। अगर जनहित में कुछ काम करने होते तो स्थाटनीय कांग्रेस के विजयी विधायक, प्रधान को साथ में लेना चाहिए था। कांग्रेस के विजयी प्रतिनिधियों को छोड़कर अपने पराजित प्रत्यारशियों को साथ में लेकर काम करने का सीधा सीधा अर्थ पार्टी का प्रचार करना ही था।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के दो-ढाई महीने के कार्यकाल के दौरान ही असंतोष भडक़ गया हैं और कई मंत्रियों एवं विधायकों द्वारा उनके रिश्तेदारों की स्थानानंतरण एवं नियुक्तियां चर्चा का विषय बन गया है। जनजाति मंत्री नंदलाल मीणा द्वारा ब्राह्मण एवं वैश्य समुदाय के खिलाफ की गई टिप्पणी को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे इन समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। चार दिन गुजर जाने और प्रदेश में तीव्र विरोध के बाद भी मीणा ने खेद तक नहीं जताया है।