200 से अधिक अनुसंधान पत्रों का वाचन
उदयपुर. प्रौद्यागिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय मे संचालित कृषि अभियन्ता परिषद् के अधिवेशन में हुए करीब 15 तकनीकी सत्रों में गैर पारम्पकरिक जल स्रोतों का विकास कर भविष्य में कृषि करने पर चर्चा की गई। इसमें फार्म मशीनरी एवं पावर के 2, खाद्य व डेयरी अभियान्त्रिकी के 2, नवीनतम ऊर्जा स्त्रोतों के 2 एवं जल मृदा सरंक्षण के 6 सत्रों में करीब 200 अनुसंधान पत्रों का वाचन व चर्चा हुई।
सत्रों में देश-विदेश से आये 200 से ज्यादा वैज्ञानिकों एवं अध्यापकों ने गहन चर्चा की । मृदा एवं जल सरंक्षण अभियान्त्रिकी विषय पर मुख्यत: निरन्तर जल बचाव तकनीकों के विकास एवं सुधार से कृषि उत्पादन में वृद्वि, उपग्रह से प्राप्त चित्रों एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग तथा जलग्रहण क्षेत्र में जल सरंक्षण की नवीन तकनीकों पर चर्चा हुई। गैर पारम्परिक जल स्त्रोतों के विकास द्वारा भविष्य की कृषि में जल के मितव्ययी उपयोग पर भी चर्चा की गई। जलवायु परिवर्तन एवं कृषि में सिंचाई जल की उपलब्धता पर भी नवीन जानकारियों एवं अध्ययन के नतीजों का विश्लेषषण गया।
आधुनिक कृषि यन्त्रों एवं सेंसर की प्रदर्शनी
आधुनिक एवं उच्च तकनीकी कृषि उपकरणों एवं यंत्रों की प्रदर्शनी का उदघाटन एमपीयूएटी के कुलपति प्रो. ओ. पी. गिल ने किया। प्रो. गिल ने कहा कि आधुनिक तकनीकों का ज्ञान हमारे देश के गरीब किसानों तक पहुँचाना बहुत जरूरी है तभी इन आधुनिक यंत्रों का उपयोग कृषि क्षेत्र में व्यापक रूप से हो सकेगा एवं भारतीय कृषि नये आयाम तक पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि नवीनीकरण ऊर्जा के उपयोग से भी ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य उन्नत प्रकार से किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व विद्यालय की अभियान्त्रिकी के शोध द्वारा सृजित उन्नत तकनीकी ज्ञान को किसानों तक पहुँचाकर ग्रामीण क्षेत्रों का विकास किया जा सकता है। प्रदर्शनी में फार्म मशीनरी एवं पावर अभियान्त्रिकी, नवीनीकरण ऊर्जा अभियान्त्रिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण अभियान्त्रिकी की विभिन्न स्टॉल लगाई गई जिसमें मुख्यतः वी एस टी टिलर ट्रेक्टर लिमिटेड, सिया बायो गैस संयत्र, एमील लिमिटेड नई दिल्ली मोनाड टोरक सेन्सर, गौतम थ्रेशर, मानसर रोटरी टिलर आदि ने नए यंत्रों की श्रंखला प्रदर्शित की। कृषि अभियन्ताओं के 48 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में आए वैज्ञानिकों एवं अभियन्ताओं आदि ने इस प्रदर्शनी को रुचि लेकर देखा एवं उपस्थित प्रतिनिधि अभियन्ताओं से इनके कार्यकलाप एवं क्षमताओं पर जानकारी ली।