मायड़ भाषा के प्रचार प्रसार हेतु पोस्टर का लोकार्पण
उदयपुर। जयनारायण व्यास विवि जोधपुर के प्रो. कल्याणसिंह शेखावत ने कहा कि हमारी मातृभाषा राजस्थानी संस्कारों की संवाहक हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों से जनप्रतिनिधि मायण भाषा केा मान्यता नहीं दिलवा पाये।
वे अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति की युवा इकाई राजस्थानी मोट्यार परिषद् की ओर से मंगलवार को ‘प्रधानमंत्री सूं सवाल’ के पोस्टर के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। पोस्टार का लोकार्पण जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वाविद्यालय के कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत, लखनपाल सिंह मुम्बई, राजस्थान के साहित्यकार देवकरण सिंह एवं शहर पाटवी जयंत ओझा, संभाग पाटवी घनश्यारम सिंह भीण्डर, कृष्णकांत नाहर आदि ने किया।
कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि राजस्थानी भाषा की मान्यता न केवल इस भाषा के अस्तित्व से जुड़ी है बल्कि यह रोजगार से जुड़ा हुआ विषय है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में सरकरी नौकरियों की परीक्षाओं में वहां की लोकभाषा का समावेश रहता है परन्तु राजस्थान में ऐसा नहीं होने से राज्य के युवा अपने ही प्रदेश में पिछड़ रहे हैं। शहर पाटवी जयंत ओझा ने बताया कि राजस्थान भाषा के प्रचार प्रसार के लिए एक हजार पोस्टर व पांच हजार स्टीकर छपवाए गए है। इस अवसर पर राजकुमार खण्डेलवाल, नीतिन पटेल साहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।