नाकोड़ा तीर्थ के ट्रस्टियों का जोरदार स्वागत
उदयपुर। मारवाड़ के प्रसिद्ध नाकोड़ा भैरू तीर्थ के ट्रस्टियों का आज श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक समाज ने जोरदार स्वागत किया और मेवाड़ के 2200 वर्ष पुराने मंदिरों के जीर्णोंद्धार कराने का ट्रस्ट के चेयरमैन ने आश्वासन दिया और मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान रखा गया है।
जैन श्वेताम्बर महासभा में आयोजित स्वागत समारोह में बेालते हुए नाकोड़ा तीर्थ के चेयरमैन अमृतलाल छाजेड़ ने कहा कि मेवाड़ की पवित्र धरा को वंदन व नमन करता हूं। यह धरती ऐसी है कि यह राजस्थान में नहीं, विश्व के मानचित्र पर इसका नाम है। जैन समाज का हिन्दुस्तान में चैरिटी में सबसे बड़ा योगदान है। मेवाड़ के 70 मंदिर ऐसे हैं जो दो हजार से 2200 वर्ष पुराने हैं। प्रत्येक मंदिर अपनी पाश्चात्य कला व प्राचीनता लिए हुए हैं। ऐसे प्राचीन मंदिरों की धरोहर को संजोने के कार्य में नाकोड़ा तीर्थ अपना पूरा सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि नए तीर्थ खड़े करने का लाभ नहीं है, उतना प्राचीन तीर्थों का जीर्णोद्धार कर उनको मूर्त रूप देकर स्वच्छ व सुरक्षित रखें। मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए ट्रस्ट के पास एक करोड़ का बजट है। इससे पूर्व श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या एवं श्रीसंघ के अध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र हिरण ने नाकोड़ा तीर्थ के ट्रस्टियों का शब्दों द्वारा स्वागत किया और मेवाड़ के प्राचीन तीर्थों पर विस्तारसे प्रकाश डाला। संघ के मंत्री कुलदीप नाहर ने कहा कि मेवाड़ के जैन तीर्थ देश ही नहीं, दुनिया के पटल पर हैं। प्रत्येक तीर्थ अपने पुरातत्व के लिए ख्यातनाम है। ऐसे में इनका समय-समय पर जीर्णोद्धार हो, ऐसी व्यवस्था की जाए। ट्रस्ट के चेयरमैन अमृतलाल छाजेड़, ट्रस्टी मदनलाल लसोड़, एडवोकेट बृजलाल जैन और रतनलाल सकलेचा का समाज की ओर से वरिष्ठ सदस्य किरणमल सावनसुखा, दीवानसिंह बापना, मनोहरसिंह नलवाया, राज लोढ़ा, गजेंद्र भंसाली, श्री महावीर जैन परिसर के संयोजक राजकुमार फत्तावत, ओसवाल बड़े साजन सभाध्यक्ष दिलीप सुराणा, नाकोड़ा तीर्थ के आर्केटेक्ट कमल हिंगड़ सहित समाज के सभी पदाधिकारियों ने ट्रस्टियों का माला, पगड़ी, शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया। संघ के मंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि स्वागत समारोह के पश्चात नाकोड़ा तीर्थ के ट्रस्टियों ने मेवाड़ के प्राचीन जैन मंदिरों में दर्शन, वंदन एवं अवलोकन किए।