मुरारी बापू द्वारा चैत्री नवरात्रि में रामकथा का प्रारंभ
उदयपुर। भारतीय नवसंवत्सर की प्रतिपदा से शौर्य भूमि चित्तौड़ में मुरारी बापू की रामकथा शुरू हो जाएगी। 31 मार्च से 8 अप्रेल तक नवरात्रि में होने वाली इस रामकथा को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। व्यासपीठ के पीछे और उसके चारों तरफ का दृश्य चित्तौड़ दुर्ग सा बनाया जा रहा है ताकि दुर्ग पर बैठकर रामकथा वाचन जैसा प्रतीत हो। इसके लिए इंदौर के अजय मालमकर कई दिनों से दिन-रात लगे हैं।
व्यासपीठ के पृष्ठ में दुर्गराज चित्तौड़ के दृश्यह को देखने के लिए नगर वासियों की उत्कंठा है। कथा स्थल चित्रकूट धाम पर व्यासपीठ की तैयारियों को प्रतिदिन सैकडों की तादाद में शहरवासी देख रहे हैं। मुरारी बापू का 31 मार्च को दोपहर में पर्दापण होगा तथा 31 मार्च को शाम 4 बजे से तथा 1 से 8 अप्रैल तक प्रतिदिन सुबह 9.30 बजे से रामकथा प्रारंभ होगी। मीरा की भूमि में पहली बार आयोजित बापू की रामकथा का प्रमुख धार्मिक चैनल आस्था द्वारा सीधा प्रसारण भी किया जाएगा।
भोजनशाला तैयार : चित्रकूट धाम में आयोजित रामकथा के उपरांत प्रतिदिन श्रद्धालुओं के लिए संस्थान की ओर से निशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है। भोजन व्यवस्था को लेकर संस्थान की ओर से सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। भोजन व्यवस्था के लिए सदगुरू कैटर्स ईडर एवं स्वागत कैटर्स भावनगर गुजरात को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। भोजन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने हेतु गुजरात के नेषवाड गांव से 500 स्वयंसेवक चित्तौड़ आ चुके हैं तथा संस्थान के 300 से अधिक स्वयंसेवक जुटे हैं। प्रतिदिन 50 हजार लोगों के भोजन की व्यवस्था संस्थान द्वारा की गई है। राम कथा आयोजन को लेकर शनिवार से ही बाहर से आने वाले श्रोताओं का चित्तौड़ पहुंचना प्रारंभ हो गया है। कई श्रोताओं ने अपने तय कार्यक्रम के अनुसार शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में स्थित होटल भी बुक करवा लिये हैं। संस्थान की ओर से भी ठहरने की व्यवस्था की गई है।