उदयपुर। मानवाधिकार मानव के संपूर्ण विकास के लिये एक अस्त्र हैं। वर्तमान में मानव समाज का विकास मानव अधिकार से ही संभव हैं। ये विचार उदयपुर स्कूल ऑफ सोशल वर्क में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा प्रायोजित ’मानव अधिकार’ पर आयोजित छात्रों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्थान विद्यापीठ के चांसलर प्रो. बी. एस. गर्ग ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के इस युग में, अंधाधुध विकास की होड़ में मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा हैं। अतः आज मानव विकास के लिये मानवाधिकारों का संरक्षण जरूरी हैं। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत कुलपति ने कहा कि भारत में आजादी के बाद से ही मानवाधिकारों पर ध्यान केन्द्रित है जिसका है कि आज भारत दुनिया के अन्य कई देशों से मानवाधिकार संरक्षण मामलों में आए हैं।
कार्यक्रम के उद्धेश्यों पर प्रकाश डालते हुए उदयपुर स्कूल ऑफ सोशल वर्क के प्राचार्य प्रो. आर. बी. एस. वर्मा ने बताया कि समाज कार्य के विद्यार्थी आगे जाकर उद्योगो में, गैर-सरकारी संगठनों में तथा अन्य जगह पर जाकर मानव सेवा से जुड़ेंगे तो उनके लिये यह महत्ती आवश्यक है कि वह मानवाधिकारों से पूरी तरह रूबरू हो जाएं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के सचिव डॉ. सुनील चौधरी ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली द्वारा समाज कार्य के छात्रों के लिये प्रायोजित किया गया था जिसमें समाज कार्य के सभी विद्यार्थियों ने भागीदारी निभाई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में चार सत्रों में मानवाधिकार के विभिन्न मुद्दों जैसे-बाल अधिकार, महिला अधिकार, जनजातीय अधिकार, राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, राष्ट्रीय तथा राज्य मानवाधिकार के संगठनात्मक ढाँचे तथा क्रियाविति पर प्रकाश डाला गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. मंजू माण्डोत, डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन, डॉ. वीणा द्विवेदी, अवनीश नागर, सीता गुर्जर ने विचार व्यक्त किये। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. लालाराम जाट ने अतिथियों का स्वागत तथा धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम समाज कार्य के विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास के लिये अति आवश्यक हैं।