सीटीएई का गोल्डन जुबली उत्सव में गोल्ड फियेस्टा 2014
उदयपुर। प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय में पांच दिन से चल रहे सांस्कृतिक समारोह, ’गोल्ड फियेस्टा 2014’ के अन्तर्गत एकल गायन, समूह गायन, पश्चिमी एवं पारम्परिक एकल नृत्य, समूह नृत्य एवं फैशन शो के आयोजन के साथ सुखाड़िया विश्वविद्यालय के सभागार में हुआ।
मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओ. पी. गिल ने गोल्ड फियेस्टा 2014 के उपलक्ष्य में आयोजित वार्षिक उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि महाविद्यालय में बिताया गया समय किसी भी व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन का अमूल्य समय होता है। महाविद्यालय में एक विद्यार्थी अनेक प्रकार के अनुभवों से गुजरता है। महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. बी. पी. नंदवाना की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्वविद्यालय में सर्वाधिक छात्रों का महाविद्यालय होने के साथ ही हर क्षेत्र में उन्नति करके सम्पूर्ण उत्तरी भारत में सर्वोत्तम अभियांत्रिकी महाविद्यालय का खिताब हासिल किया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में इस वर्ष प्रवेश लेने वाली छात्राओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई।
अध्यक्षता करते हुए प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. बी. पी. नंदवाना ने उद्बोधन भाषण में तकनीकी एवं अभियांत्रिकी छात्रों की सह-शैक्षणिक गतिविधियों की सराहना की । डॉ. नन्दवाना ने सम्पूर्ण व्यक्तित्व निर्माण में इस प्रकार की गतिविधियों की महत्ता बताते हुए छात्रों से अधिकाधिक संख्या में भाग लेने का आव्हान किया एवं अपनी शिक्षा को देश की आम जनता के हित में लगाने की प्रेरणा दी।
एकल नृत्य में हो गई मैं दीवानी’, मिले सुर मेरा तुम्हारा’ एवं समूह नृत्य में विभिन्न प्रदेशों के लोकनृत्य, पारम्परिक नृत्य एवं फिल्मी नृत्यों का प्रदर्शन कर प्रतिभागियों ने दर्शक दीर्घा में बैठे दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। सामाजिक प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए देश की सुरक्षा, महंगाई, भ्रष्टाचार, नेताओं के झूठे वादे, मतदान के लिये आह्वान करना आदि की प्रेरणाओं को समूह नृत्य नाटिकाओं से प्रदर्शित किया तो छात्र समुदाय ने तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार को गुंजायमान कर दिया।
कार्यक्रम में डॉ. मुर्तजा अली सलोदा, सहायक अधिष्ठाता (छात्र कल्याण) एवं सीएलएसयू के सलाहकार डा. त्रिलोक गुप्ता ने जानकारी दी कि बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं के एकल गायन, समूह गायन, एकल नृत्य, समूह नृत्य आदि में भाग लेने के कारण पूर्व में ही स्क्रीन टेस्ट लेकर मेघावी छात्रों का चयन विभिन्न टीमों में किया गया। एकल गायन में प्रतिभागियों ने विभिन्न फिल्मी, गैर फिल्मी, देशभक्ति, राजस्थानी एवं दार्शनिक अंदाज वाली कव्वाली, होली के रंग के गीतों का गायन कर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
पारम्परिक एवं पश्चिमी वेशभूषा से सजे छात्र-छात्राओं ने एकल नृत्य प्रस्तुत कर अत्यधिक मनोरंजन का समा बांध दिया। एकल नृत्य में प्रतिभागियों ने ’तेरे बिन रह नही सकता’, ’मेरे महबूब कयामत होगी’, ’अखियों से गोली मारे’ आदि की नृत्य नाटिकाओं द्वारा जीवन की आशा-निराशा, उतार-चढ़ाव को प्रदर्शित करते हुए उम्मीद का दामन ना छोड़ने का संदेश दिया और छात्र समुदाय को झूमने पर विवश कर दिया । विभिन्न प्रतिभागियों को छात्र समुदाय की तालियों और हूटिंग से सराहना मिली।
युगल गायन में ’बंदे हैं उनके हम इरादे हैं फौलादी’, पापा कहते हैं बड़ा काम करेगा’, ’ऐ वतन तेरे लिए’, ’सुन रहा हूं मैं’ जैसे आमिर, शाहरूख, सलमान के गानों पर अपनी प्रस्तुतियॉ देते हुए प्रतिभागियों ने समा बांध दिया। समूह गायन में प्रतिभागियों ने ’केसरिया बालम आवों नी पधारों मारे देश’, ’संदेशे आते हैं’, होलीया में उड़े रे गुलाल’ आदि विभिन्न आंचलिक, देशभक्ति एवं पारम्परिक गीतों का गायन किया व 1200 से अधिक दर्शकों ने तालियों की बौछार कर सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। अंत में सहायक अधिष्ठाता (छात्र कल्याण) डॉ. मुर्तजा अली सलोदा एवं सीटीएई के छात्रसंघ अध्यक्ष मुकेश गुर्जर ने सभी कमेटी प्रभारियों, उनके सदस्यों सभी कार्यकर्ताओं एवं सम्पूर्ण छात्र समुदाय का कार्यक्रम के सफलतापूर्वक समापन हेतु आभार जताया।