उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के विज्ञान महाविद्यालय के पुस्तकालय विभाग द्वारा मुनि ज्ञानसागर महाराज श्रृत संवर्धन संस्थान मेरठ एवं इंटेलेक्चुयल सोसायटी फोर सोशिया टेक्नो वेल्फेयर गाजियाबाद के संयुक्त तत्वावधान में 11 व 12 अप्रेल को ‘‘भारतीय संस्कृति व प्रबंधन में पुस्तकालयों की भूमिका’’ विषयक राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन विज्ञान महाविद्यालय के विवेकानंद सभागार में किया जा रहा है।
सम्मेलन सचिव डॉ. पी. सी. राजपूत ने बताया कि सम्मेलन का उद्घाटन सुखाडिय़ा विवि के कुलपति प्रो. आई.वी. त्रिवेदी द्वारा किया जाएगा। विशेष अतिथि एवं वक्ता शिवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर मध्यप्रदेश के पूर्व कुलपति प्रो. जे. एन. गौतम होंगे। मुख्य वक्ता भारतीय संस्कृति के विभिन्न चरणों तथा उनके संरक्षण हेतु डिजिटल प्रोजेक्ट्स व प्रबंधन पर प्रकाश डालेंगे।
इस अवसर पर पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी जिसमें स्प्रिंगर, केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, एज्यूकेशन बुक, आर्या बुक हाउस, कमला बुक एजेंसी, रेपिड रेडिया, प्रोकोस्ट, एप्सको जैसे देश-विदेश के विख्यात प्रकाशकों का संग्रह देखने को मिलेगा। सम्मेलन में अधीष्ठाता प्रो. एस. डी. पुरोहित, सम्मेलन निदेशक प्रो. के. वेणुगोपाल, एडवाइजर प्रो. डी. एस. चूण्डावत, कंवीनर प्रो. एस.एन.ए. जाफरी तथा सम्मेलन सचिव डॉ. पी.सी. राजपूत मौजूद रहेंगे। इस मौके पर सम्मेलन में सहायक दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों का सम्मान किया जाएगा।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. रोचना श्रीवास्तव, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. आर. के. श्रीवास्तव, पुस्तकालयाध्यक्ष, सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली होंगे। स्वागत भाषण प्रो. एस.एन.ए. जाफरी देंगे जबकि धन्यवाद प्रो. वेणुगोपाल ज्ञापित करेंगे।
प्रथम दिन 30 व दूसरे दिन 37 शोधपत्रों का वाचन चार प्रमुख टेक्नीकल सत्रों में किया जाएगा। प्रथम टेक्नीकल सत्र का विषय भारतीय संस्कृति, साहित्य के हस्तलिखित दस्तावेजों का संरक्षण व संवर्धन, दूसरे सत्र का विषय ज्ञान प्रबंधन व इलेक्ट्रोनिक स्रोत, तृतीय सत्र का विषय सूचना संप्रेषण तकनीकों का प्रभाव तथा चतुर्थ टेक्नीकल सत्र का विषय सर्व गुणवत्ता प्रबंधन व विपणन रखा गया है। सम्मेलन में राजस्थान के अलावा आसाम, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, हैदराबाद, मुम्बई, पूना, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि क्षेत्रों के करीब 200 विषय विशेषज्ञ भाग लेंगे।
सम्मेलन सचिव डॉ. पी. सी. राजपूत ने बताया कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पुस्तकालय, कम्प्यूटर व प्रबंधन से जुड़े व्यवसायियों के अलावा भारतीय समाज को उसकी ओर आकृष्ट करना तथा उसके संवर्धन, संरक्षण हेतु राष्ट्रीय स्तर पर प्रयासों को मजबूती देना है जिसके माध्यम से सभी व्यवसायी वर्ग समाज को सही दिशा देने में सहायक होंगे और शोध की गुणवत्ता को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय ने नये शोध, उसमें गुणवत्ता एवं आदर्श विचार द्वारा कई आयाम स्थापित किए है जिसमें भारतीय संस्कृति, मूल-रचना, वैदिक साहित्य व प्राचीन हस्तोलिखित ग्रंथों का अमूल्य योगदान रहा है। इनके अंदर ज्ञान का अनंत भंडार पूर्वजों द्वारा सजोकर रखा गया है जो आज इलेक्ट्रोनिक युग में भी सार्थक और सर्वमान्य है।