इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज
उदयपुर। पेसिफिक विश्वेविद्यालय के प्रो प्रेसीडेंट प्रो. बी. पी. शर्मा ने कहा कि भारत में अभियांत्रिकी व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवाचारों का सजृन कम होता हैं। उन्होने छात्रों से आह्वान किया कि अभियांत्रिकी व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आने वाले 12 महिनों में तीन-चार मूल तकनीकी पत्रों का अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित करने का प्रयास करें।
वे सोमवार को अरावली इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टाडीज, डिवीजन-4 एसआईजी-डब्यूं कि एनएस, उदयपुर चैप्टर कम्यूेक्नटर सोसायटी ऑफ इंडिया, दी इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया के तत्वावधान में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार विषय राष्ट्रीय संगोष्ठी का प्रारम्भ आज उमरडा स्थित अरावली इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्ट्डीज, उदयपुर के सभागार में हुआ।
प्रो. शर्मा ने बताया कि जब यूएस में सुपर कम्प्युटर की तकनीक देने के लिए 124 करोड़ डॉलर की मांग की लेकिन भारत के इंजीनियरों ने अपने सतत प्रयासों से सुपर कम्प्यूटर बनाया। उन्होंने बताया कि 2020 तक यूएस में 43 प्रतिशत तकनीकी युवाओं का प्रतिनिधित्व भारत करेगा।
प्रारम्भ में अरावली इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्ट्डीज के निदेशक डॉ. अशोक जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि संगोष्ठी में 130 पेपर्स प्राप्त हुए, जिसमें से 124 पत्रों का प्रकाशन के लिए चयन किया गया। दि इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया उदयपुर लोकल सेंटर के अध्यक्ष ए. एस. चूण्डावत ने आयोजकों को इस विषय पर संगोष्ठी के लिए बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि इसकी अनुशंसाएं सभी के लिए उपयोगी होगी। कम्प्यूटर सोसायटी के प्रबन्ध समिति के सदस्य अमित जोशी ने बताया कि संगोष्ठी दो पेरेलर सेशन में चलेगी और प्रत्येक सेशन में बेस्ट पेपर अवार्ड दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इण्डिया इस वर्ष स्वर्ण जयन्ती वर्ष मना रहा हैं और इसी क्रम में आने वाले समय में कई तकनीकी वार्ताओं, संगोष्ठी, सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इस संगोष्ठी में 200 अभियन्ताओं ने विद्यार्थियों भाग लिया।
संस्थान के सचिव एन. एल. खेतान एवं वित्त सचिव अमित अग्रवाल ने संगोष्ठी में आए अतिथियों का आभार व्यक्त किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ. दुर्गेश कुमार मिश्रा, चेयरमैन डिवीजन-4, कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इण्डिया ने अभिनव कम्प्यूटर नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने रिसर्च को संधि विच्छेद करते हुए बताया कि छात्रों को किसी भी विषय की बार-बार खोज के लिए प्रयासरत रहना चाहिए एवं अपने साथियों एवं व्याख्यताओं से बेहतर परिणाम के लिए चर्चा करनी चाहिए। एमएनआईटी जयपुर की डॉ. मिनाक्षी त्रिपाठी ने छात्रों को कम लागत में स्मार्ट नेटवर्क एवं सेंसर में नई खोज के लिए प्रेरित किया। संचालन सुधा पालीवाल ने किया। समूह निदेशक हेमन्त धाभाई ने धन्यवाद की रस्म अदा की।