उदयपुर। महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान का 113 सदस्यीय दल 11 दिवसीय सिक्किम के गंगटोक व पैलीन तथा पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग की यात्रा कर 17 अप्रेल को उदयपुर पहुंचा और यहां पहुंचते ही अपने मताधिकार का उपयोग किया।
संस्थान के महासचिव भंवर सेठ ने बताया कि इस दल ने शहरों के प्राकृतिक स्थानों एवं बर्फीली वादियों का भ्रमण किया वहीं वहां के वरिष्ठजनों की सामाजिक स्थितियों का भी अध्ययन किया। सेठ ने बताया कि गंगटोक, पेलींग व दार्जीलिंग प्राकृतिक दृष्टि से बहुत ही सुंदर है और दुनिया भर से पर्यटक यहां आते हैं। सेठ ने बताया कि सरकार इस ओर विशेष ध्यान दे तो दार्जीलिंग को विश्वप्रसिद्ध स्विट्जरलैंड बनाकर भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इस यात्रा में गंगटोक में 8610 फीट की ऊंचाई पर बाबा हरभजनसिंह मेमोरियल मंदिर, टी सोमेगो लेक, बनजाफरी फाल, कंचनजंगा की बर्फीली चोटियां, दार्जीलिंग में टाइगर पहाड़ों पर सूर्योदय, हिमालयन रेंज, चाइना बॉर्डर पर देश की सुरक्षा में लगे जवानों की स्थिति, फूलों से सजे गार्डन, भगवान बुद्ध के जीवन से सम्बन्धित प्रदर्शनी व मंदिर, हिमालयन ज्यूलोजी पार्क, नामचीन पहाड़ी पर स्थित चार धाम, भगवान जगन्नाथ (पूर्व), द्वारका मंदिर (पश्चिम) बद्रीनाथ मंदिर (उत्तर) एवं रामेश्वरम (दक्षिण) के एक साथ दर्शन आदि आकर्षण के केन्द्र रहे। सेठ ने बताया कि सारे क्षेत्र में चाय बागान के अतिरिक्त वहां के लोगों का खुशहाल जीवन, अनुशासन, सफाई एवं वरिष्ठजनों को सरकार द्वारा आदर एवं देय सुविधाएं देखकर मन हर्षित हो गया। सेठ ने बताया कि इस यात्रा में हिमालय पर्वत पर चढऩे में काम में लिये गये साधनों की प्रदर्शनी देखकर सभी का मन मोहित हो गया और उनके साहस की प्रशंसा की।