हिन्दुस्तान जिंक के चौथी तिमाही एवं वार्षिक वित्तीय परिणामों की घोषणा
चौथी तिमाही के शुद्ध लाभ में 13 प्रतिशत की कमी
उदयपुर। वेदान्ता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने 31 मार्च, 2014 को समाप्त वित्तीय वर्ष तथा इसी वर्ष की चौथी तिमाही के परिणामों की घोषणा कर दी। हिन्दुस्तान ज़िंक के चेयरमैन अग्निवेश अग्रवाल ने बताया कि कंपनी की ऑपन कास्ट भूमिगत खदान रामपुरा आगुचा के शुरूआत में सकारात्मक परिणामों के फलस्वरूप कंपनी ने खदान विकास से रिकॉर्ड उत्पादन में उपलब्धि हासिल की है।
कंपनी अपनी लागत नेतृत्व तथा शेयरधारकों का मूल्य बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी का वित्तीय वर्ष 2014 में रिकार्ड खनित धातु उत्पादन 880,000 टन रहा जो वर्ष के दौरान उत्कृष्ट निष्पादन कंपनी की खदान परियोजनाओं के सफलतापूर्वक संचालन से हुआ है।
वर्ष 2013-14 के दौरान एकीकृत रिफाइन्ड धातु का सर्वाधिक उत्पादन कंपनी के स्मेल्टर्स का सफलतापूर्वक प्रचालन से हुआ है। वर्ष 2013-14 के दौरान एकीकृत जस्ता, सीसा तथा चांदी का सर्वाधिक उत्पादन क्रमषः 13ः 10ः तथा 4ः अधिक रहा है।
कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2014 के दौरान 13,459 करोड़ रु. का राजस्व अर्जित किया जो गतवर्ष की इसी समान अवधि की तुलना में 7ः अधिक है परन्तु चौथी तिमाही में गतवर्ष की तुलना में राजस्व में 7 प्रतिषत कम रहा है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष में (विभिन्न करों से पहले) 6,974 करोड़ रु. का लाभ अर्जित किया है जो गतवर्ष की इसी समान अवधि की तुलना में 7ः की वृद्धि दर्शाता है परन्तु चौथी तिमाही में गतवर्ष की तुलना में लाभ में 13 प्रतिषत की कमी रही है।
कम्पनी के निदेशक मण्डल ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 95 प्रतिशत लाभांश घोषित किया है जो 2 रूपये के प्रति इक्विटी शेयर पर 1.90 पैसे होगा। इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2014 में कुल लाभांष 175 प्रतिषत हो गया है जो 3.50 पैसे प्रति शेयर है तथा कंपनी के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक लाभांष है ।
कंपनी की विस्तारित कायड़ एवं रामपुरा-आगुचा भूमिगत खदान परियोजनाओं में बिक्री योग्य धातु का उत्पादन सफलतापूर्वक प्रारंभ कर लिया है। कंपनी की सिन्देसर खुर्द परियोजना का विस्तार का कार्य प्रगति पर है। कंपनी की ऑपन कास्ट भूमिगत खदान के सफलतापूर्वक संचालन से वर्ष के दौरान कुल खदान उत्पादन में 7ः से अधिक वृद्धि हुई है।
कंपनी के लगातार चल रहे समन्वेषण कार्यकलापों के फलस्वरूप अयस्क भण्डारों एवं संसाधनों में वृद्धि हुई है। 31 मार्च, 2014 को कुल संसाधन एवं आरक्षित अयस्क भण्डार 365.3 मिलियन टन है, जिसमें 35.2 मिलियन टन जस्ता-सीसा धातु एवं 28,804 एमटी चाँदी विद्यमान है, खदानों की आयु 25 वर्ष है तथा खदानों में लगातार उत्पादन जारी है।
हिन्दुस्तान जिं़क विष्व का सबसे बड़ा एकीकृत जस्ता उत्पादक है और भारत में चांदी का सबसे बड़ा उत्पादक के साथ दुनिया में अलौह धातु क्षेत्र उत्पादन में भारत का नेतृत्व भी करता है। हिन्दुस्तान ज़िंक भारत की जिंक आपूर्ति पर 85 प्रतिषत नियत्रंण रखता है। विनिवेष के पश्चात् हिन्दुस्तान जिंक का उत्पादन 170,000 टन से बढ़कर आज 10 लाख टन हो गया है। कंपनी के पास अभी 25 साल तक के सुरक्षित खनिज भण्डार है। कंपनी विनिवेष के उपरान्त खदानों, स्मेल्टर्स, केप्टिव पावर, चांदी और पवन ऊर्जा क्षेत्र में 12,000 करोड़ रु. का निवेष कर तीन बड़ी परियोजनाओं का सफलतापूर्वक विस्तार किया है।