प्रशासन सख्त , बाल विवाह रुकवाने पंचायत स्तरीय कमेटियां गठित
उदयपुर। अक्षय तृतीया पर संभावित बाल विवाहों की रोकथाम के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय कमेटियों का गठन किया गया है। साथ ही ऐसे बाल विवाहों में सहयोग करने पर पंडित, बैंड, घोड़ी, टेंट, हलवाई, फोटोग्राफर, बस व जीप मालिकों को भी दंडित किया जाएगा। इससे पहले उन्हें पाबंद करने की कार्यवाही जारी है।
जिला मजिस्ट्रेट आशुतोष ए. टी. पेडणेकर के आदेशानुसार गठित कमेटियां अक्षय तृतीया से पूर्व अपने-अपने पंचायत क्षेत्र का दौरा कर बाल विवाह संबंधी जानकारियां लेंगी। अभिभावक/संरक्षकों को दुष्प्रभाव व कानूनी प्रावधानों से अवगत कराते हुए बाल विवाह रुकवाने की समझाईश की जाएगी। अगर वे नहीं मानते हैं तो तत्काल संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, विकास अधिकारी एवं थानाधिकारी को सूचना देनी होगी। साथ ही गांव में रहने वाले स्थानीय कर्मचारी/अधिकारियों को भी बाल विवाह रोकने एवं सूचना देने को पाबन्द करने के आदेश दिए हैं। कमेटी द्वारा पंडित/पुरोहित, बैंड, घो$डी, टेंट वाले, फोटोग्राफर, हलवाई, बस व जीप मालिकों को भी पाबन्द किया जाएगा कि वे बाल विवाह में कोई सहयोग नहीं करेंगे। बाल विवाह में सहयोग के लिए दोषियों को कानूनन दंडित किया जाएगा। इस कमेटी में संबंधित पंचायत का सरपंच अध्यक्ष होगा जबकि पटवारी, ग्रामसेवक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता व बीट कांस्टेबल भी शामिल किये गए हैं।
नियंत्रण कक्ष :- बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के मद्देनजर प्रशासनिक, पुलिस व संबंधित विभागों की विशेष सतर्कता बरतने के निर्देशों के साथ ही जिला स्तर पर महिला एवं बाल विकास विभाग उपनिदेशक कार्यालय एवं ग्राम स्तर पर सभी तहसील कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा गया है।