उदयपुर। बड़ी में हो रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन व्यासपीठ से प्राची देवी ने कथा के माध्यम से भगवान शिव की बारात का अनूठा वर्णन किया। देवी सती ने पार्वती के रूप में भूमि पर फिर जन्म लेकर अपनी तपस्या के द्वारा ही भगवान शिव को प्राप्त कर लिया।
उन्होंने कहा कि यदि प्रेम भगवान के लिये जागृत हो जाये तो भक्ति के रूप में वह परीणित हो जाता है। भक्त को अपनी भक्ति पर यदि पूरा विश्वाजस है तो भगवान को भक्त के पास आना ही पड़ता हैं। भगवान स्वयं भी भक्त की परीक्षा लेते है, अतः भक्ति अटल होनी चाहिए। निदेशक वंदना अग्रवाल ने कथा वाचिका प्राची देवी व उपस्थित श्रद्धालुओं का स्वागत किया।