समाज सेवा करता है हॉकर
अंतरराष्ट्रीय हॉकर डे पर सभा
उदयपुर। फुटपाथ पर व्यवसाय करने वाले हॉकर्स आम जनता को सस्ता व अच्छा माल बेच कर न केवल समाज सेवा का काम कर रहे हैं, वरन् वह देश की मेलजोल की संस्कृति को भी जिन्दा रखे हुए हैं। यह विचार माकपा पार्षद राजेश सिंघवी ने अन्तर्राष्ट्रीय हॉकर्स-डे पर सोमवार को सुखाडिय़ा सर्कल पर ठेला व्यवसायियों की आयोजित बैठक में व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि सरकारों द्वारा विकास के नाम पर ’’मॉल‘‘ संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें व्यक्ति स्वयं माल बन जाता है और उसके सोचने समझने की क्षमता को दिशाहीन कर उसे लूटा जा रहा है। सिंघवी ने कहा कि हॉकर्स एवं उनके संगठनों के लम्बे संघर्ष के बाद पथ विक्रेता (आजीविका का संरक्षण और पथ विक्रय का विनियमन) अधिनियम 2014 पारित किया गया, जिसमें हॉकर्स के रोजगार की सुरक्षा एवं संरक्षण का अधिकार दिया गया है, लेकिन राजनीतिक एवं प्रशासनिक स्तर पर इसे लागू कराने में आज भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
इस अवसर पर नेशनल हॉकर्स फैडरेशन राजस्थान के संयोजक याकुब मोहम्मद ने कहा कि भारत में स्ट्रीट फेरीवाला का व्यवसाय अति प्राचीनकाल से है और आज देशभर में स्ट्रीट फेरीवालों की कुल संख्या लगभग चार करोड़ तक होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि हॉकर्स की शहरी आबादी के बहुतों सेवा प्रदान करने के साथ अर्थव्यवस्था एवं समाज में महत्वपूर्ण भूमिका है। लेकिन उन्हें अवैध मान प्रशासन, पुलिस एवं नगर निगम द्वारा लगातार परेशान एवं प्रताडि़त किया जाता रहा है, जिसके विरूद्ध हॉकर्स श्रम संगठनों एवं स्वयंसेवी संगठनों को मिलकर अभियान चला कर इस कानूनी को धरातल पर लागू कराना होगा।
सभा के बाद पार्षद राजेश सिंघवी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल ने अति. जिला कलेक्टर यासिन खान पठान एवं नगर निगम उदयपुर के आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ को ज्ञापन देकर पथ विक्रेता (आजीविका का संरक्षण और पथ विक्रय का विनियमन) अधिनियम 2014 को लागू करने, अतिक्रमण हटाने एवं सुन्दरता के नाम पर ठेला/फुटकर व्यवसायियों के विरूद्ध चलाये जा रहे गैर कानूनी अभियान को तत्काल रोकने के साथ माननीय सर्वोच्च न्यायालय दिशा निर्देश अनुसार टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन किया जाकर हॉकर्स के रजिस्ट्रेशन एवं उन्हें लाइसेंस देने के साथ हॉकर्स के परिवारों को निवास उपलब्ध कराने के लिए आवास उपलब्ध कराने की मांग की गई। प्रतिनिधि मण्डल में याकुब मोहम्मद, लक्ष्मण सिंह, अमरचन्द कुमावत, मोहिनी राजमाली, धन सिंह, मुनव्वर खां, नेमनाथ आदि शामिल थे।