राजस्थातन विद्यापीठ की एकेडमिक कोन्सिल की बैठक में निर्णय
एमपीयूएटी की प्रसार शिक्षा परिषद की बैठक 6 को
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वठविद्यालय में विभिन्न विभागों से प्राप्त 50 पेटेंट फाइल की अनुशंसा, 70 मोनोग्राफ प्रकाशन की अनुमति दी गई। साथ ही कुलाधिपति भवानी शंकर गर्ग के नाम पर डबोक स्थित कन्याा महाविद्यालय का नाम रखने का प्रस्ताकव पारित किया गया।
यह निर्णय गुरुवार को विश्व्विद्यालय की एकेडमिक कोन्सिल की बैठक में लिये गये। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने बताया कि डबोक परिसर में शुरू होने वाले कन्या महाविद्यालय का नाम ‘‘भवानीषंकर गर्ग कन्या महाविद्यालय’’ होगा। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय का उद्देष्य ग्रामीण परिवेष पर फोकस होगा जिससे अधिक से अधिक ग्रामीण बालिका अध्ययन कर सकें। बैठक मेे प्रारंभ में रजिस्ट्रार डॉ. देवेन्द्र जौहर ने पिछली बैठक का ब्यौरा प्रस्तुत एवं उसकी क्रियांविति का विवरण प्रस्तुत किया।
विश्व्विद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय को एक आधुनिक भव्य स्वरूप दिया जा रहा है जिसमें डिजिटलाइजेशन, ई-लाइब्रेरी, रिसर्च होगी व सत्र 2014-15 से माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय में प्रथम वर्ष से सेमेस्टर प्रणाली शुरू कर दी जाएगी। छात्रों को प्रथम सेमेस्टर से छठे सेमेस्टर के दौरान एक अतिरिक्त रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम भी करना होगा जिसकी अवधि तीन माह होगी। शोध को समाज से जोड़ने हेतु विद्यापीठ के जनभारती केन्द्रों पर सहायक आचार्य को कार्य करना होगा तकि उनके मार्गदर्षन में छात्र ग्रामीण समस्याओं को समझ सके तथा उनके शोध के साथ अध्ययन भी कर सकें। साथ ही इतिहास विभाग में एम फिल पाठ्यक्रम प्रारंभ करने, बीएचएमएस में 25 सीट बढ़ाने की स्वीकृति, तथा पीजी डिप्लोमा इन आर्कियोलॉजी के स्थान पर पीजी डिप्लोमा आर्कियोलॉजी नाम से जाना जाएगा। स्पोर्ट्स बोर्ड के अन्तर्गत योगा पाठ्यक्रम शुरू किये जाएंगे।
सायंकालीन महाविद्यालय में नये पाठ्यक्रम शुरू : कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि श्रमजीवी महाविद्यालय के अन्तर्गत संचालित सायंकालीन महाविद्यालय में नये पाठ्यक्रम चलाने की स्वीकृति दी गई। पीजी डिप्लोमा इन लेबर लॉ, पीजी डिप्लोमा इन गाइडेन्स एण्ड काउन्सलिंग, सर्टिफिकेट कोर्स इन लेंग्वेज (जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश), एमए सायंकोलॉजी, बीजेएमसी कोर्स चलाये जाएंगे। इस अवसर पर डॉ. बी.एल. फडिया, कुल प्रमुख भंवरलाल गुर्जर, डॉ. लक्ष्मीनारायण नन्दवाना, डॉ. ललित पाण्डे्य, प्रो. एम. एस. राणावत, डॉ. के.के. जेकब, प्रो. एन. एस. राव. डॉ. प्रकाष शर्मा, प्रो. आर.पी. सनाढ्य, प्रो. एस. के. मिश्रा, प्रो. हेमेन्द्र चण्डालिया, प्रो. वी. पी. शर्मा, डॉ. मंजू मांडोत, डॉ. जीवन सिंह खरकवाल,डॉ. रचना राठौड, डॉ. मलय पानेरी, डॉ. सुमन पामेचा, डॉ. मुक्ता शर्मा, डॉ. नीलम कौशिक, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. अमिया गोस्वामी, डॉ. राजन सूद, डॉ. बबीता रसीद, डॉ. गिरिषनाथ माथुर सहित अनेक विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
निशक्तजन अध्ययन केन्द्र : रजिस्ट्रार डॉ. देवेन्द्र जौहर ने बताया कि विश्वधविद्यालय परिसर में इसी सत्र निशक्तजन अध्यय केन्द्र की स्थापना की जाएगी जिसके अंतर्गत निशक्तजनों को एकवर्षीय कोर्स करवाया जायेगा। विद्यापीठ के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत 10 जनभारती केन्द्रों पर शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम जैसे मोबाइल रिपेयरिंग, ब्यूटी पार्लर, इंटीरियल डेकोरेशन, महिला एवं बालिका शिक्षा पर आधारिक प्रोग्राम, कृषि एवं प्रजनन, कम्यूरपरिटर रिपेयर, बैचलर ऑफ सोशल वर्क, स्किल डवलमेंट, वोकेशनल के 20 डिप्लोमा कोर्स आदि चलाए जाएंगे।
प्रसार शिक्षा परिषद् की बैठक 6 को : महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वोविद्यालय की पन्द्रहवीं प्रसार शिक्षा परिषद् की बैठक प्रसार शिक्षा निदेशालय के प्रज्ञा सभागार में शुक्रवार 6 जून को होगी। बैठक प्रातः 10 बजे से होगी। बैठक में कुलपति प्रो. ओ. पी. गिल अध्यक्षता करेंगे तथा ख्यातिप्राप्त कृषि वैज्ञानिक प्रो बी. एस. ढिल्लो, कुलपति, पंजाब कृषि विष्वविद्यालय, लुधियाना व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सहायक महानिदेशक ड़ॉ. वी. वैंकटसुब्रमण्यृम आमंत्रित विशेषज्ञ के रूप में बैठक में भाग लेंगे।