एमपीयूएटी व पायोनियर ओवरसीज कॉर्पोरेशन के बीच एमओयू
उदयपुर। अब खाद्यान्नक, दलहन, कपास फसलों के बीजों के परीक्षण, शोध कार्यों के विद्यार्थियों व वैज्ञानिकों को आशातीत गति मिलेगी। इस संबंध में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमपीयूएटी) एवं टेक्नोलोजी एण्ड पायोनियर ओवरसीज कॉर्पोरेशन- इंडिया ब्रांन्च (पीओसी) के बीच सोमवार को विश्वविद्यालय सचिवालय में एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस सहमति पत्र पर एमपीयूएटी के कुलपति प्रोफेसर ओ. पी. गिल एवं पीओसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद खुराना ने हस्ताक्षर किये। यह एमओयू प्रारम्भिक रुप से 5 वर्ष के लिये मान्य होगा। अनुसंधान निदेशक डॉ. पी. एल. मालीवाल ने बताया कि इस सहमति पत्र में मुख्यतः निम्न बिन्दुओं पर दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी :
दोनों पक्षों के कर्मचारी व शोधार्थियों की क्षमतावर्धन हेतु पीओसी व एमपीयूएटी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के संयुक्त निर्देशन में कृषि, पादप प्रजनन एवं जैव प्रोद्यौगिकी के क्षैत्र में उच्च स्तर के शोध कार्यों का संचालन।
पीओसी व एमपीयूएटी भविष्य में विभिन्न फसलों यथा मक्का, धान, सरसों, मोटे अनाज, कपास इत्यादि की कीट, व्याधि व खरपतवार नाशी रोधक प्रजातियों व संकर किस्मों पर संयुक्त रूप से शोध कर सकेंगे।
विश्वविद्यालय के प्रसार कार्यक्रमों द्वारा उच्च स्तर के फसली बीजों के प्रतिस्थापन कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
दोनों पक्षों के संयुक्त शोध परिणामों को वैज्ञानिक शोध पत्रिकाओं में छपवाना एवं पेटेन्ट करवाना।
दोनों पक्षों के संयुक्त प्रयासों से नवीन शोध परियोजनाओं पर कार्य किया जायेगा साथ ही समय-समय पर वैज्ञानिकों के लिए प्रशिक्षण भी आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर क्षैत्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र, उदयपुर के निदेशक डॉ. एस. के. शर्मा ने संचालन किया। पीओसी के प्रतिनिधि शिवेन्द्र बजाज ने धन्यवाद दिया।