उदयपुर। हरियाली अमावस्या होने के कारण फतहसागर, सहेलियों की बाड़ी पर लगे मेले में ग्रामीण इलाकों से भीगते-भीगते पहुंचने वाले ग्रामीणों की खुशी का पारावार न था। करीब तीन वर्ष बाद वापस हरियाली के साथ शनिश्चर अमावस्या का योग इस बार बना। मेले का उत्साह और उस पर बारिश मेलार्थियों का मजा दुगुना हो गया।
ग्रामीण इलाकों से एक जैसी साड़ी, लहंगा पहने, पुंपाडिय़ों की आवाज निकालती किशोरियों का उत्साह देखते ही बन रहा था। रविवार को सिर्फ महिलाओं व युवतियों के लिए ही मेला रहेगा। मेला स्थल फतहसागर से शुरू होकर फतहसागर की पाल, देवाली, सहेलियों की बाड़ी, यूआईटी पुलिया तक है। सहेलियों की बाड़ी में आकर्षक सजावट की गई है। फतहसागर पर भी सभी छतरियों और पूरी पाल को रंगबिरंगी रोशनी से पाटा गया हैं। मेले के मद्देनजर मोतीमगरी स्थित प्रताप स्मारक पर दो दिन सुबह 7 से शाम 7 बजे तक प्रवेश निशुल्क था।
मेले को लेकर प्रशासन ने भी चाक-चौबंद व्यवस्था की है। फतहसागर की पाल और सहेलियों की बाड़ी के पास अस्थाई चौकियां भी स्थापित की गई हैं। मेवाड़ में श्रावण के प्रत्येक सोमवार को सुखिया सोमवार के अलावा हरियाली अमावस पर दो दिवसीय मेले की पुरातन परंपरा है। पूरे राजस्थान में सिर्फ उदयपुर में ही हरियाली अमावस्या के अगले दिन सिर्फ महिलाओं के लिए मेला लगता है।
फतहपुरा चौराहे की तरफ से आने वाले वाहनों की पार्किंग पुराने आरटीओ ऑफिस के सामने, लवकुश स्टेडियम के पास आकाशवाणी की गली में, स्वरूप सागर की पाल पर व होमगार्ड ऑफिस के सामने खड़ी की गई। उधर दो दिनों तक रोडवेज, सिटी बसों एवं भारी वाहनों का आवागमन झाड़ोल की तरफ से महाकालेश्वर तक और बड़ी की तरफ से आने वाले वाहनों का आवागमन रानी रोड टी पॉइंट तक ही हुआ।
रानी रोड वाया देवाली होकर फतहपुरा तक और महाकालेश्वर से आयुर्वेदिक चौराहा, अंबावगढ़ तक बसों का आवागमन पूरी तरह निषेध रहा। झाड़ोल-मल्लातलाई मार्ग की तरफ से आने वाले चार पहिया वाहन आयुर्वेदिक चौराहा से स्वरूप सागर की ओर जाने वाले मार्ग से अरावली वाटिका शिक्षा भवन चौराहा से झरिया मार्ग होते हुए हाथीपोल से निकले।
मेले के दौरान पुलिस की कड़ी सुरक्षा की गई। असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए विभाग की ओर से सादा वेशधारी पुलिसकर्मी तैनात हैं। महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया है। शहर के सभी थानाधिकारियों की मेले में ड्यूटी लगाई गई । मेला प्रांगण में तीन वॉच टावर लगाए गए हैं जहां से मेले के दौरान संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी गई।