होटल प्रबंधन को अधिकारियों की लताड़
एनएलसपी के तहत सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहुंचे अधिकारियों ने लिया जायजा
उदयपुर। राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना (एनएलसीपी) के तहत सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यहां पहुंचे केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को निर्माण निषिद्ध क्षेत्र का दौरा किया और झील किनारे बनी होटल के अधिकारियों को जोरदार लताड़ लगाई।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अतिरिक्त निदेशक एके श्रीवास्तव एवं सलाहकार ब्रजेश सिक्का मंगलवार शाम यहां पहुंचे थे। दोनों ने बुधवार सुबह यूआईटी, नगर निगम, सिंचाई विभाग, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के साथ सबसे पहले सिटी पैलेस पहुंचे जहां का निरीक्षण कर निकल गए। वहां से स्वरूपसागर स्थित सिंघल आवास पहुंचे। वहां भी मौका निरीक्षण कर निकले।
वहां से फिर रेडिसन (पूर्व में शेरटन) पहुंचे। यहां पहुंचकर होटल के अधिकारियों को बुलाया और उनका एसटीपी प्लांट भी देखा। प्लांट देखकर आश्चर्य चकित होते हुए उन्होंने होटल प्रबंधन को लताड़ पिलाते हुए कहा कि प्लांट सूखा पड़ा है। इसका अर्थ कि प्लांट चालू अवस्था में नहीं है। होटल का सारा सीवरेज, गंदा पानी झीलों में सीधे समाहित हो रहा है। इस पर होटल प्रबंधन के प्रतिनिधि कोई जवाब नहीं दे पाए। केन्द्रीय अधिकारियों ने निर्माण निषिद्ध क्षेत्र में एनएलसीपी के प्रावधानों के उल्लंघन को भी देखा। इस अवसर पर उनके साथ निगम आयुक्त महावीर खराड़ी, एडीएम मो. यासीन पठान, एनएलसीपी के टीम लीडर बीएल कोठारी, सिंचाई विभाग के भुवनेश्वर माथुर आदि भी मौजूद थे।