भविष्य के साथ खिलवाड़
उदयपुर। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और उसके कॉपी परीक्षक की एक मामूली सी गलती का खामियाजा बारहवीं का एक होनहार छात्र कुछ इस तरह भुगत रहा है कि न तो उसका कॉलेज में एडमिशन हो पाया और अब एसटीसी में हुए सलेक्शन पर भी तलवार लटकी है।
हिरणमगरी स्थित ज्ञान मंदिर स्कूल के बारहवीं के होनहार छात्र पीयूष डांगी ने इस वर्ष माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर से बारहवीं कक्षा की परीक्षा दी थी। उसके अंग्रेजी छोडक़र सभी विषयों में 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त हुए। हिंदी में 70, अर्थशास्त्र में 73, भूगोल में 87 और हिंदी में 75 अंक प्राप्त हुए जबकि इंग्लिश में उसको सैद्धांतिक में मात्र 5 नंबर दिए गए और सत्रांक में 19 कुल योग इंग्लिश में 24 आया।
पीयूष ने बताया कि सूचना के अधिकार का उपयोग करते हुए उसने जब राजस्थान बोर्ड से अपनी कॉपी मंगवाई तो पता चला कि कॉपी जांचने वाले ने उसके द्वारा दिए गए सभी जवाब को बिना पढ़े ही काट दिया। जिस अध्यापक के पास वह अंग्रेजी पढऩे जाता था, उनसे कॉपी जंचवाने पर भी 80 में से 44 अंक उसे प्राप्त होने चाहिए थे।
कॉपी में सभी जवाब काटे हुए : पीयूष डांगी ने अपनी कॉपी बताई जिसमें उसके द्वारा लिखे गए सभी जवाब जांचकर्ता द्वारा क्रॉस मारकर काटे हुए थे। यहां तक कि उसने राजस्थान बोर्ड द्वारा ही जारी की गई उत्तर पुस्तिका में से अपने जवाब का मिलान किया तो वह सही पाए गए।
कॉलेज में एडमिशन नहीं ले सका : पीयूष 12 वीं में पूरक आने की वजह से आगे कॉलेज में एडमिशन नहीं ले सका और पूरा साल बर्बाद हो गया। इधर उसने एसटीसी में भी प्रवेश इम्तिहान दिया जिसमे उसका चयन हो गया लेकिन फेल होने की सूरत में अब वहां भी आशंका है। आगे की कार्रवाई के लिए पीयूष ने राजस्थान बोर्ड को लिखकर भेजा है लेकिन पीयूष का कहना है कि वहां कोई सुनने वाला ही नहीं है। कॉपी निकालने के लिए उसने ना जाने कितने चक्कर लगाए तब कहीं जाकर कॉपी निकाल पाया। इससे पहले कई लोगों और अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताई लेकिन कोई सहायता के लिए तैयार नहीं हैं।