उदयपुर। बालकों में वैचारिक और रचनात्मक सुधार लाने के लिये चिल्ड्रन थिएटर एक सशक्त माध्यम है। इस दृष्टिकोण से पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से बालक-बालकों के लिये एक ‘बाल नाट्य कार्यशाला’ 10 अक्टूबर से बागोर की हवेली में शुरू होगी।
केन्द्र निदेशक शैलेन्द्र दशोरा ने बताया कि बालकों को संस्कारवान बनाने, उनमें कलात्मक गुणों का विकास करने तथा उनमें कला को परखने व सराहने का गुण विकसित करने के ध्येय के साथ-साथ दीपावली की छुट्टियों का रचनात्मक उपयोग करने के लिये केन्द्र द्वारा 10 से 21 अक्टूबर तक बागोर की हवेली में ‘बाल नाट्य कार्यशाला’ का आयोजन जयपुर की जानी-मानी चिल्ड्रन थिएटर विशेषज्ञ बबिता मदान के निर्देशन में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में अभिनय, संगीत के साथ साथ नाट्य विधा की अन्य तकनीक का ज्ञान करवाने के साथ-साथ एक नाट्य कृति पर कार्य कर नाटक तैयार करवाया जाएगा। इस नाटक का प्रदर्शन कार्यशाला के समापन अवसर पर किया जायेगा। कार्यशाला में भाग लेने के इच्छुक बालक-बालिका केन्द्र के गणगौर घाट स्थित कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।