शर्मा बंधुओं ने लगवाए भक्ति के गोते
उदयपुर। बांसुरी की धुन और तबले की थाप पर शिवजी की आराधना में शिव रंजनी राग में तांडवस्रोत जब लोगों ने सुना तो हर और से बम बम भोले की आवाज के साथ, कभी जय माता दी तो कभी राधे-राधे जयकारों की गूंज शुक्रवार को नगर निगम प्रांगण में आयोजित सांस्कृतिक संध्या की भजन संध्या में देर रात लगती रही।
भक्ति पदों के बीच जब शिवजी की बारात, शरद पूर्णिमा पर वृंदावन का रास जैसी अद्भूत प्रस्तुतियां लोगों को काफी रास आई जिससे गुलाब सर्दी के बीच भी माहौल देर रात जमा। भजनों के क्षेत्र में अखिल भारतीय स्तर पर ख्याति प्राप्त उज्जैन के शर्मा बंधुओं सर्वश्री पं. राजीव शर्मा, मुकेश शर्मा, शैलेष शर्मा एवं मिथिलेश शर्मा ने अपने मधुर भजनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रोताओं ने कर्णप्रिय भक्तिगीतों का लुफ्त उठाया।
प्रेस समिति संयोजक व मेला प्रवक्ता कृष्णकांत कुमावत ने बताया कि संगीत संध्या की शुरूआत ‘गणपति वंदन गाओ, मंगल भजन सुनाओ…’ से की। इस शानदार प्रस्तुति के बाद शर्मा बंधुओं ने राधा कृष्ण का शरद पूर्णिमा पर वृंदावन का रास का वर्णन का भक्तिपद ‘चांदनी रात में जमुना किनारे श्याम जब मधुर मधुर बंशी बजाए…’ सुनाया तो हर एक भाव विभोर हो गया। कृष्णमय माहौल में जब ‘राधे राधे जपा करो, कृष्ण रस पीया करो…’ सुनाया तो हर एक भक्ति के रस में डूब गया। सदन में हर और से राधे-राधे की गूंज सुनाई देने लगी। कृष्णमय भक्ति के बाद हनुमान जी का गीत ‘हे दुख: भजन मारूती नंदन सुन लो मेरी पुकार…’ उनका स्मरण किया। इस शानदार प्रस्तुति के बाद शर्मा बंधुओं द्वारा ‘जैसे सूरज की गरमी से जलते हुए तन को मिल जाए तरूवर की छाया…’ भजन सुना सबको मीरा रस की तरफ ले आए और उन्होंने मीरा का भक्तिपद राधा-कृष्ण से ओतप्रोत ‘चाकर राखो जी, श्याम मने चाकर राखो जी…’ जैसी सुरमयी प्रस्तुति ने श्रोताओं के कानों में मिश्री घोल दी।
महाकाल की नगरी उज्जैन से आए शर्मा बंधुओं की इस शानदार प्रस्तुति के बाद उन्होनें जब भगवान शंकर के भक्ति रस में डूबे भजनों का गायन में जब शिव भजन ‘जप ले शिव शंभू का नाम मनवा……’ सुना माहौल को शिवमय बना दिया। शिवमय इस माहौल में चार चांद उस समय लग गए जब उन्होंने राग शिवरंजनी में ‘शिवतांड्वस्रोत…’ सुनाया हर एक भाव विभोर हो गया। एक ही मंच से जब भक्ति के अनेक रसो का देर रात तक शहरवासी आनंद लेते रहे। शर्मा बंधुओं ने कार्यक्रम की अगली शृंखला में जब माता रानी का गीत ‘मेरी पूजा करो स्वीकार अंबे भवानी…’, ‘तेरे चरणो में जगदम्बे मैं श्रद्धा समुन…’ सुना मां के जयकारो से पूरा नगर निगम प्रांगण गूंज उठा। शर्मा बंधुओं ने शहर वासियों को दीपावली की अग्रिम बधाई देते हुए लक्ष्मी माता का भजन ‘मंगल करणी मां जय जय जय लक्ष्मी मंा……’ सुनाया। कार्यक्रम में उन्होंने शहर की जनता की फरमाईशों को भी पूरा किया। उन्होंने राम भजन ‘राम चरण में लगा रहे मन ऐसा दो वरदान जी…’, ‘ओ मेरी गंगा मैया पार लगा दो नैया…’ सुना कर हर एक को गुनगुनाने पर मजबूर कर दिया। सांस्कृतिक संध्या के अंत में शिव जी बारात का वर्णन करते हुए उन्होंने ‘शिव ब्याहने चले…’ सुनाया तो हर और से शिव जी के जयकारों की आवाज गूंज उठी।
मेला संयोजक हेमलता शर्मा ने बताया कि शर्मा बंधु मूलत: उज्जैन के रहने वाले है। सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ पंडित श्री रामशर्मा के चारों पुत्र राजीव शर्मा, मुकेश शर्मा, शैलेश शर्म व मिथिलेश शर्मा भजन गायन में अनेक वर्षों से सक्रिय है। माता विद्यादेवी शर्मा व पिता से संगीत इन्हें विरासत में मिला है। प्रभु भक्ति गायन का प्रचार प्रसार ही इनका मूल उद्देश्य है। अब तक शर्मा बंधु देश के अनेक महत्वपूर्ण सम्मेलनों में शामिल हो चुके है। शर्मा बंधुओं को आकाशवाणी, दूरदर्शन, संस्कार, आस्था एवं विभिन्न चैनलों पर भजन गाते सुना व देखा जा सकता है। शर्मा बंधुओं की ख्याति शिव भोला भंडारी…, जब ले शिव शंभू का नाम…, राधे रोध कहो राधे राधे…, जय महेश जटा जूट…, शिव तांडव स्रोत, चांदनी रात में जमुना… आदि भजनों को गाकर हुई है।
शर्मा बंधुओं का कहना है कि पिछले 20 वर्षों से वे एक साथ प्रस्तुति देते आ रहे हैं। भजन गायक राजीव शर्मा का कहना है कि आज भक्ति गीतों को फिल्मी गीतों की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। लोगों ने इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का एक मार्ग बना लिया है, लेकिन हमारा प्रयास भक्ति पदों को भक्ति भाव के साथ प्रस्तुत करने का ही रहा है। हम आज के दौर के गीत भी गाते है लेकिन उनमें किसी तर का एक्सपेरिमेंट नहीं करते है।
सांस्कृतिक संध्या का आगाज महापौर व पार्षदों ने राम दरबार व गणपति वंदना, पूजा अर्चना के साथ शुरू किया।
अक्षयपाल वैष्णवी की लिटिल चेम्प व लाफ्टर नाईट आज :- प्रेस समिति संयोजक व मेला प्रवक्ता कृष्णकांत कुमावत ने बताया कि सांस्कृतिक संध्या में आज अक्षयपाल वैष्णवी, उदयदय्या ग्रप की लिटिल चेम्प, लाफ्टर नाईट आयोजित की जाएगी।
दिलबाग नाईट की जगह होगी स्पंदन संध्या : प्रेस प्रवक्ता कृष्णकांत कुमावत ने बताया कि इवेंट कंपनी द्वारा कलाकार का कंफर्ममेशन पत्र नहीं देने के कारण इस संध्या को निरस्त कर दिया गया है। इस संध्या के स्थान पर अब इसी दिन 20 अक्टूबर सोमवार को शहर की जनता की मांग व उदयपुर के कलाकारों के उत्साह को देखते हुए भव्य स्पंदन संध्या का आयोजन होगा। इस संध्या में लोक संस्कृति, अध्यात्मिक संस्कृति, बालीवुड कार्यक्रमों के साथ, विलास जानवे का मूकाभिनय एवं रवीन्द्र जोनी द्वारा हास्य कार्यक्रम होंगे, जिसके सूत्रधार आलोक संस्थान के संगीतज्ञ मनमोहन भटनागर हैं।