ताजियों की तैयारियां
उदयपुर। मोहर्रम का चांद नजर आते ही शनिवार को इस्लामी कैलेंडर की शुरुआत हो गई। साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हजरत इमाम हुसैन अलैहीसलाम और करबला के 72 शहीदों की याद में अलम और ताजिये सजाने शुरू कर दिए व मजलिसें शुरू हो गईं। कल मोहर्रम की पहली तारीख थी। ‘यौम-ए-आशूरा’ 4 नवंबर को होगा। उस दिन शहर में ताजिये निकाले जाएंगे।
शनिवार को मोहर्रम का चांद दिखाई देने के साथ ही 1436 हिजरी के पहले महीने मोहर्रम की एक तारीख को इस्लामिक नए साल पर सबने एक दूसरे को बधाई दी। ताजिये निकालने की तैयारियों ने भी जोर पकड़ लिया है। अलीपुरा, पलटन, धोलीबावडी में बड़े ताजियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हजरत इमाम हसन-हुसैन एवं उनके 72 जानिसारों की शहादत के तौर पर मनाए जाने वाले मोहर्रम शुरू होने के साथ दस दिन तक विभिन्न मुस्लिम मोहल्लों में पानी की सबीलें लगाई जा रही हैं, जहां शर्बत व हलीम तबर्रूक के तौर पर लोगों को बांटा जाएगा।
मोहर्रम की सातवीं तारीख यानी एक नवम्बर को छड़ी का जुलूस निकाला जाएगा जो चेटक सर्कल स्थित पलटन मस्जिद पर होगा। नवीं तारीख यानी 3 नवम्बर की रात भड़भूजा घाटी में शहादत की रात मनाई जाएगी एवं दसवीं तारीख 4 नवम्बर को मोहर्रम पर्व मनाया जाएगा। अजंता होटल की शिया जामा मस्जिद में भी मोहर्रम पर कल से चार नवम्बर तक दस रोज़ा मजलिसों का आयोजन शुरू हुआ जिसमे बाहर से आए हुज्जतुल इस्लाम मौलाना वाकर हैदर तकरीर करेंगे।