संसाधन प्रबन्धन में नैतिकता एवं जीवन मूल्य विषय पर अंतरराष्ट्रीय सेमीनार शुरू
उदयपुर। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में मानवीय और नैतिक मूल्यों का आगमन संयम से ही संभव है। वे नई दिल्लीी के महरौली स्थित अध्यांत्मि साधना केन्द्र में पेसिफिक विश्वधविद्यालय के प्रबंध अध्यहयन संकाय की ओर से संसाधन प्रबन्धन में नैतिकता एवं जीवन मूल्य विषयक अंतरराष्ट्रीय सेमीनार के उदघाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
समारोह में आचार्य महाश्रमण, पेसिफिक के चेयरमैन बीआर अग्रवाल सहित विभिन्न देशों के राजदूत, देश के दस से ज्यादा विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, प्रख्यात अर्थशास्त्रीक तथा अन्य बुद्धिजीवी भाग ले रहे हैं। आचार्य ने कहा कि संयम और नैतिक मूल्यों से ही अर्थ की शुचिता को बनाए रखा जा सकता है। उन्होने कहा कि अगर व्यक्ति आवश्यदकता से अधिक धन का संग्रह न करे तो सही मायनों में इस अंतरराष्ट्रीय सेमीनार का परिणाम निकलेगा। इस अवसर पर पेसिफिक विश्वविद्यालय के चेयरमेन बी.आर. अग्रवाल और आचार्य महाश्रमण ने अंतरराष्ट्रीय सेमीनार की सोविनियर का भी विमोचन किया।
पेसिफिक के कुलपति प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा ने बताया कि आयोजन नई दिल्ली स्थित अन्तर्राष्ट्रीय सापेक्ष अर्थशास्त्र शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। दो दिवसीय सेमीनार के पहले सत्र में तकरीबन 150 से ज्यादा शोधार्थियों ने अपने पत्रों का वाचन किया। सेमीनार डायरेक्टर पेसिफिक प्रबन्धन संकाय की डीन प्रोफेसर महिमा बिड़ला ने बताया कि समापन समारोह यानि 2 नवम्बर को दूसरे सत्र में लगभग 80 से अधिक शोधार्थी अपने पत्रों का वाचन करेंगे। उद्घाटन पर पूर्व चुनाव आयुक्त डा. जीवीजी कृष्णमूर्ति, सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर जोगिन्दर सिंह, पूर्व राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री डा. भीष्मनारायण सिंह सहित स्पेन, इथियोपिया, बोसनिया-हर्जेगोविना, बोलिविया तथा अपोसटोलिक ननसिएचर ऑफ हॉलाइसी के राष्ट्रदूतों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल के प्रिसिडेन्ट डॉ डीपी अग्रवाल, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक, केरियर प्वॉइंट विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति कर्नल मिथिलेश दीक्षित, वीर नर्मदासाउथ गुजराज विश्वविद्यालय, सुरत के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बी.ए. प्रजापति, महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय, सोलन के कुलपति प्रोफेसर एस.पी. बंसल, तीर्थांकर महावीर विश्वविद्यालय, उत्तरप्रदेश के पूर्व कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल तथा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, दिल्ली के प्रबन्ध सचिव अतुल कोठारी भी उपस्थित थे।