गणगौर घाट पर श्रमदान
उदयपुर। झील हितैषी नागरिक मंच के साथ रविवारीय श्रमदान में संविधा संस्थान, भारत विकास परिषद उदय, लोक जन सेवा संस्थान, मोती मगरी स्कीम विकास समिति, कृति सेवा मंच , पर्यावरण शिक्षा समन्वय समिति के संयुक्त तत्वावधान में रंगसागर, सत्तापोल, गणगौर घाट पर पानी सतह पर तैरती फूलमालाओं की थैलियां, थर्माकोल पर बनाए गए दीपक, मूर्तियों के लकक्डी के ढांचे, नारियल, शराब व पानी की बोतलें, जलीय घास आदि निकाली गई।
आज के श्रमदान में चन्द्रगुप्तसिंह चौहान, सीएस राठौड, लादूसिंह राणावत, नेनेन्द्र दवे, कुलदीप टांक, अनिता भाणावत, जयदीपसिंह, सुभाष भार्गव, कमलसिंह राठौड, अनिल गोधा, बीएल खमेसरा, भूपेन्द्र व्यास, जयकिशन चौबे, इन्द्रसिंह राणावत, चांदमल कच्छारा, पीएस गहलोत, अनिल भार्गव, टीसी भार्गव, प्रकाश तिवारी, हाजी सरदार मोह मद, कमलेश पुरोहित, सोहनलाल कल्याणा, बद्रीलाल, जुल्फीकार शेख, किशोर गहलोत, दामोदरलाल कुमावत, हाजी नूर मोह मद, प्रकाश परिहार, भंवरलाल शर्मा, मनीष गोलछा, इस्माइल अली दूर्गा, अनवर शेख, एआर खान, सनत जोशी आदि ने भाग लिया।
घाट पर श्रमदान के दौरान कुछ महिलाओं ने विरोध प्रकट किया कि लेक पेट्रोल वेन वाले यहां नहाने वालों को परेशान करते हैं। जबकि इन्हे सर्वप्रथम झीलों में गंदगी डाले वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही झीलों में गिर रहे गंदे नालों को भी बंद किए जाने चाहिए। इन्ही नालों से पानी दूषित हो रहा है। सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि वह झीलों में काफी मात्रा में फैल गई जलीय घास को डिविडिंग मशीन से बाहर निकलवाए। साथ ही गंदगी डालने वालों पर स त कार्रवाई करे व गंदे नालों को झील में गिरने से रोका जाए।