छह साल तक पार्टी से निकलेंगे, हो जाएंगे लाभों से वंचित
उदयपुर। कल नाम वापसी का आखिरी दिन है। भाजपा और कांग्रेस में बागियों ने ताल ठोक रखी है। दोनों पार्टियों में बागियों की अलग-अलग पार्टियां बन गई है, जो अब किसी के भी दबाव में नहीं आने का कहकर एक-दूसरे का मनोबल बढ़ा रहे हैं। वहीं, भाजपा ने बागियों को खुली चेतावनी दे दी है कि नाम वापस नहीं लिए, तो छह साल के लिए बागियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा।
शहर जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट ने कहा कि केन्द्र व राज्य से मिलने वाले हर तरह के लाभ से वंचित हो जाएंगे। उन्हें सोचना है कि क्या करना है। माना जा रहा है कि कल तक भाजपा के अधिकांश बागी अपने नामांकन वापस ले लेंगे, जबकि कांग्रेस के बागी अडिय़ल रूख अपनाए रहेंगे। निगम चुनाव में 16 बागी भाजपा से हैं, जबकि 13 कांग्रेस है। जानकारी के अनुसार आज सुबह से भाजपा के नेता पार्टी में पार्टी से निष्कासन का डर दिखाते हुए बागियों से संपर्क कर रहे हैं, जबकि विरोधी गुट के कई नेता इन बागियों को चाय की दुकानों और होटलों में बुलाकर नाम वापस नहीं लेने के लिए हिम्मत बंधा रहे हैं। साथ ही यह भी कह रहे हैं कि क्रअगर पार्टी से निकाल देंगे, तो क्या मर जाओंगे, डटे रहो।ञ्ज इधर, राज्य के गृह सेवक गुलाबचंद कटारिया भी कुछ बड़े नेताओं से मोबाइल पर बात करके बागियों से समझाइश करने के निर्देश दिए हैं। श्री कटारिया ने अब तक किसी भी बागी से सीधे कोई बात नहीं की है। पता चला है कि शहर जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट के जरिये बागियों को यह मैसेज जरूर करवा दिया गया है कि अगर बागियों ने नाम वापस नहीं लिए, तो उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया जाएगा। भाजपा से खड़े हुए बागियों में मुख्य रूप से वार्ड 33 से वेणीराम सालवी के सामने अशोक घरबड़ा, वार्ड 42 से संतलाल अग्रवाल, वार्ड आठ से आभा आमेटा तथा वार्ड 39 से मांगीलाल गायरी, वार्ड पांच से यशवंत वैष्णव, योगेश धाबाई, अशोक सोनी, वार्ड नौ में कांता पालीवाल, 11 में दिनेश सोनी, 12 में आरती वसीटा, 19 में गिरीश, 20 शंभुसिंह देवड़ा, 22 में यशवंत, मोहन मेनारिया, कनक जोशी, 25 में बद्रीलाल खारोल, 44 से जयप्रकाश, 53 से भंवर गमेती मैदान में हैं, जो सीधे तौर पर परिणामों पर असर डालते दिखाई पड़ रहे हैं। वहीं वार्ड ४२ से खड़े हुए संतलाल अग्रवाल महापौर के उम्मीदवार लोकेश द्विवेदी के लिए मुश्किल साबित हो सकते हैं।
इधर, कांग्रेस पार्टी में खड़े हुए बागियों के तेवर ही अलग है। सभी खड़े हुए बागी पूरी तरह से चुनाव लडऩे के लि अड़े हुए हैं। कांग्रेसी नेता ही यहां पर एकजुट नहीं है। इसलिए बागियों की मनोव्वल करने की हिम्मत ही कोई नहीं जुटा पा रहा है। कांग्रेसी नेताओं और पदाधिकारियों को एक भी बागी क्रगांठञ्ज नहीं रहा है। कांग्रेस पार्टी मेें वार्ड चार से अजय पोरवाल, वार्ड 14 से राशीद खान, वार्ड दो से किशन मेघवाल, पांच से मुकेश धाबाई, वार्ड १० से गीतादेवी पालीवाल, वार्ड 44 में नजमा मेवाफरोश, 46 में साहिबा शेख, 16 से चंद्र प्रकाश सालवी, 24 से आशा देवी, 25 से चांदमल साहू, 33 से राजीव शर्मा, 35 से भगवतीलाल नैनावा, 38 से रमा वैष्णव, 55 से अरूण टांक चुनाव मैदान में ताल ठोके हुए हैं।