घर बैठे पुस्तकों की जानकारी ले सकेंगे छात्र – प्रो. सारंगदेवोत
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के प्रतापनगर स्थित परिसर में स्थापित सेन्ट्रल लाईब्रेरी को ई-लाईब्रेरी के रूप में किया जायेगा। इस लाइब्रेरी में सभी प्रकार के विषयों की पुस्तकों का समावेश किया जायेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने बताया कि कम्प्यूटर के द्वारा चन्द सेकण्डों में पुस्तक की पूरी जानकारी कम्प्यूटर की स्क्रीन पर आ जायेगी जिससे छात्रों का समय बचेगा व शोध के कार्यों में आसानी रहेगी। उन्होंने बताया कि अतिशीघ्र सेन्ट्रल लाइब्रेरी की सभी पुस्तकों एवं जर्नल को वेबसाईट पर भी डाल दी जाएगी जिससे छात्र अपने घर बैठे सभी पुस्तकों की जानकारी ले सकेंगे। इस दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर पुस्तकालयध्यक्ष घनश्याम सिंह भीण्डर, किशन सिंह राव, डॉ. हेमशंकर दाधीच, कृष्णकांत नाहर सहित पुस्तकालय के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
इन विभागों की हो रही है डिजिटल लाईब्रेरी : प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि विश्वविद्यालय के माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय, कम्प्युटर एण्ड आईटी, लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, प्रबंध अध्ययन संस्थान, उदयपुर स्कुल ऑफ सोशल वर्क, होम्यापेथी एवं फिजियोथेरेपी चिकित्सा महाविद्यालय में डिजिटलाईशन कार्य शुरू कर दिया गया है।
ई बुक्स, ई जर्नल : प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि केन्द्रीय पुस्तकालय में सभी विषयों के एक लाख छब्बीस हजार ई बुक्स तथा 26700 ई जर्नल विद्यापीठ की वेबसाईट पर शीघ्र डाल दी जायेगी जिसका कार्य प्रगति पर है।
कम्युनिटी सेवा से जोड़ेगे छात्रों को : कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को कम्युनिटी सेवाओं से जोड़ा जायेगा जिससे विद्यार्थियों में प्रायौगिक ज्ञान का फायदा होगा वही ग्रामीण जन भी जन सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा विद्यापीठ शीघ्र ही आस पास के गांवों को गोद लेगा और उन्हें आदर्श गांव बनाने की दिशा में कार्य किया जायेगा। इसी संदर्भ में अभी साकरोदा स्थित केन्द्र द्वारा साकरोदा के आस पास के गांवों का सर्वे भी किया जा रहा है। यह कार्य जनशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से किया जायेगा। इनके द्वारा गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, साामुदायिक व्यवस्थाओं, स्वस्छता एवं शौचाालयों का निर्माण की ओर इनका विशेष फोकस रहेगा। जो एक आदर्श गांव के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।