उदयपुर। राजस्थान के प्रथम कार्डियो थैरेसिक सर्जन डॉ. टीएस अरोड़ा ने कहा कि यह अच्छी बात है कि मेडिकल छात्रों के अध्ययन के लिये जनता में धीरे-धीरे देहदान की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है लेकिन इससे उन लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है जिन्हें किसी विशेष अंग की आवश्यकता है, इसलिये जनता में अंगदान के प्रति जागरूकता आवश्यक है।
वे गुरूवार को रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में ‘समय पर सर्जरी की आवश्यकता’ विषयक आयोजित वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व में और विशेष रूप से लंदन में केलेवर ट्रांसप्लान्ट को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने कहा कि गति नियमित रहने तथा मस्तिष्क के काम करना बंद कर दिये जाने पर रोगी के परिजनों की सहमति से रोगी के अंगदान कर देने चाहिये ताकि जरूरतमंद को अंग लगाये जाने पर उसे नया जीवनदान मिल सकता है।
एमसीएच करने वाले राजस्थान के प्रथम सर्जन डॉ. अरोड़ा ने कहा कि अब धीरे-धीरे यूट्रस व फेंफड़े का भी ट्रांसप्लान्ट होने लगा है। विश्व में सर्वपथम 1956 में दक्षिण अफ्रिका के केपटाऊन शहर में ह्दय की प्रथम सर्जरी की गई थी। कैन्सर का पता लगने पर उसकी तुरन्त सर्जरी की जानी चाहिये उसमें तनिक भी देरी नहीं होनी चाहिये। हम अपने व्यवहार में बदलाव कर अपने क्रोध, आग्रह करने की प्रवृत्ति, जिद,चिन्ता, जल्दबाजी पर नियंत्रण कर अपने रोगों पर काबू पा सकते है। हमें अपने कार्य की क्रियाशीलता में फूर्ती तो रखनी चाहिये, लेकिन जल्दबाजी नहीं।
उन्होंने बताया कि ह्दयघात के समय रोगी की उम्र को ध्यान में रखते हुए रोगी के मुंह में मुहं से श्वायस देने पर उसकी जान बचायी जा सकती है। सर्जरी के समय रेागी एंव उनके परजिनों को मानिकस रूप से तैयार रहना पड़ता है तब जा कर चिकित्सक रोगी की सही प्रकार से सर्जरी कर पाता है। क्लब अध्यक्ष डॉ. बीएल सिरोया ने कहा कि सर्जरी की आवश्यकता रोग की स्थिति को देखकर की जाती है। तुरन्त की जाने वाली सर्जरी में देरी रोगी को काफी नुकसान पहुंचा सकती है। क्लब सचिव डॉ. नरेन्द्र धींग ने कहा कि क्लब द्वारा रैकी मास्टर महावीर प्रसाद जैन के नेतृत्व में दिसम्बर में प्रत्येक रविवार को गुलाबबाग में निशुल्क रैकी चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 31 दिसम्बर को क्लब द्वारा सेवा भारती हॉस्पीटल में मल्टी स्पेशियलिटी चिकित्सा शिविर आयोजित किया जाएगा। प्रारम्भ में इन्दिरा धींग ने ईश वंदना प्रस्तुत की।