उदयपुर। नगर निगम उप महापौर लोकेश द्विवेदी ने कहा कि शहर के चहुंमुखी विकास हेतु जहंा भी आवश्यकता महसूस होगी,वहंा शहर के वरिष्ठजनों के अनुभवों का लाभ लिया जाएगा।
वे आज महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान द्वारा विज्ञान समिति में आयोजित एक बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होंंने कहा कि वरिष्ठजनों को भी शहर को स्वच्छ एंव सुन्दर बनाये रखने के लिए अपने दायित्व को निभाने हेतु आगे आना चाहिये। शहर में जो भी काम हो रहा है वह गुणवत्तायुक्त नहीं हो रहा है जिसके लिए हम सभी जिम्मेदार है।
संस्थान के महासचिव भंवर सेठ ने कहा कि शहर को उसके मूल स्वरूप में लौटाने के लिए हम सभी को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। शहर को शीघ्र ही बी-2 घोषित कराने हेतु किये जा रहे प्रयासों में तेजी लानी होगी। सेठ ने टीबी हॉस्पीटल में रिसर्च सेन्टर, शहर मे विचरण करते आवरा मवेशियों को एक जगह इकठ्ठा करने हेतु गौशाला एवं चारागाह खोले जाने,पार्किंग की समुचित व्यवस्था,शहर की स्ट्रीट लाईटों के आसमान में झूलते तारों को अन्डरग्राउण्ड किये जाने की उप महापौर से मांग की।
संस्थान के अध्यक्ष एनएल कच्छारा ने शहर के विकास के लिए प्रस्ताव रखें। इससे पूर्व आर्ट ऑफ लिविंग की शालिनी चौधरी ने सभी वरिष्ठजनों को सुदर्शन क्रिया के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में गज़लकार इकबाल सागर ने गज़ल के रूप में ‘आंसू भरो,शराब भरो, लहू भरों, औकात कुछ नहीं यहंा खाली गिलास की..’ कलाम पेश किया। बी.एस.बक्षी ने गीत के रूप में ‘जिन्दगी के देने वाले,जिन्दगी के लेने वाले,यह बता तुझे क्या मिला ..’, बसन्तीलाल कूकड़ा ने ‘अभी समय है,अब वह दिन आने वाला है,पिंजरे का पंछी उड़ कर अपने घर जाने वाला है..’, नरेश शर्मा ने ‘निगाहें क्या मोड़ी हमसे उस मरघट ने..’, कविता प्रस्तुत कर सभी का मनोरंजन किया। समाज सेवी किरणमल सावनसुखा ने फरवरी में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए 50 हजार रूपयें देने की घोषण की।