उदयपुर। केमल एंव बफेलो बॉन के साथ-साथ लकड़ी से बने उत्पाद सस्ते होने के कारण महिलाओं की पसन्द बनते जा रहे हैं।
रूडा (रूरल नॉन फार्म डवलपमेंट एजेंसी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय दस दिवसीय क्राफ्ट मेला-2015 में उत्तरप्रदेश के लखनऊ से भाग लेने आए मोहम्मद वसीम ने बताया कि इस पुश्तैनी कला को अब तक निरन्तर जारी रखे है।
सस्ते होने के बावजूद केमल एंव बफेलो बॉन से बनी हेयर पिन्स, नेकलेस, क्लिप, ईयर रिंग्स चलने में काफी मजबूत रहती है। हाथ से बनने वाले इन कलात्मक उत्पादों में से छोटे उत्पादों को बनाने में तो लगभग दो दिन लगते है लेकिन बड़े उत्पादों को बनाने में दो माह तक लग जाते है।
उन्होंने बताया कि इस कला में इनके परिवार की निपुणता के कारण इनके पिता अब्दुल हलीम को हस्तकला के क्षेत्र में 1970 में राष्ट्रपति पुरूस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इस धंधे में इनके परिवार के साथ-साथ करीब 20-25 लोगों को रोजगार मिल रहा है। इस हस्तकला को प्रोत्साहित करने के लिए जहां पूर्व में सरकार ट्रेनिंग सेन्टर खोल कर दस्तकारों को प्रशिक्षण दिलाती थी लेकिन वह व्यवस्था बंद हो चुकी है। पहली बार इस मेले में भाग ले रहे मोहम्मद वसीम ने बताया कि इस स्टॉल पर 20 रूपयें की हेयर पिन्स से लेकर 100 रुपए तक के उत्पाद उपलब्ध है।