मुरली नारायण माथुर पुरस्कार शास्त्रीय गायन के सुप्रसिद्ध कलाकार दिल्ली के पं. अजय पाहुनकर को
प्रथम निरन्जन नाथ आचार्य स्मृति पुरस्कार वरिष्ठ शहनाई वादक नई दिल्ली के पं. दयाशंकर को
उदयपुर। महाराणा कुम्भा संगीत परिषद द्वारा अखिल भारतीय तीन दिवसीय 53वां वार्षिक महाराणा कुम्भा संगीत समारोह 16 से 18 जनवरी तक रेलव ट्रेनिंग स्कूल के सभागार में होगा।
परिषद के मानद सचिव डॉ. यशवन्तसिंह कोठारी आज यहां कुम्भा भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि समारोह में 16 जनवरी को नई दिल्ली के प्रसिद्ध कलाकार वरिष्ठ शहनाई वादक पंडि़त दयाशंकर शहनाई वादन प्रस्तुत करेगे उसके पश्चात देवास-मध्यप्रदेश की प्रसिद्ध संगीतज्ञ पंडित कुमार गंधर्व की पुत्री कलापीनी कोमकली शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेगी। दूसरे दिन देश के ख्यातनाम कलाकार मुम्बई के अजय पाहुनकर एवं उनके पुत्र अभिजीत पाहुनकर शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेगें। दुसरी प्रस्तुती नई दिल्ली की पद्मश्री से सम्मानित सुप्रसिद्ध नृत्यागंना देवयानी एवं उनका दल भरत्नाट््यम नृत्य प्रस्तुत करेगें। अंतिम दिन 18 जनवरी को रायपुर मध्यप्रदेश की बहुचर्चित प्रख्यात कलाकार डॉ. यास्मीन सिंह एवं दल कथक नृत्य प्रस्तुत करेगें।
उन्होंने बताया कि इस समारोह का रसास्वादन करने के लिए शहर ही नहीं आस-पास व सुदूर क्षेत्रों के संगीत प्रेमी यहंा पहुंचेंगे। डॉ. कोठारी ने बताया कि समारोह में प्रथम दिन शास्त्रीय संगीत के इस महाकुम्भ में देश के लगभग 40 से 50 कलाकार, संगतकार एवं उनके दल के सदस्य भाग ले रहे है।
परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष एस. एस. राणावत ने बताया कि शहर में अखिल भारतीय स्तर के इस संगीत सम्मेलन का प्रारंभ संगीत के महापंडित व गायक स्व. पं. ओंकारनाथ जी ठाकुर द्वारा गायन की प्रस्तुति से हुआ था। उनके ही निर्देशन व आर्शीवाद से 53 वर्ष पुर्व इसकी प्रारंभिक समिति का गठन हुआ और इस वार्षिक कार्यक्रम के माध्यम से संगीत के शौकीन ही नहीं, महापंडि़त व शास्त्रज्ञ महाराणा कुंभा को श्रद्धाजलि देने व शास्त्रीय संगीत के प्रचार-प्रसार के इस अनवरत यज्ञ में भाग लिया।
उन्होंने बताया कि आज महाराणा कुंभा के संगीत गं्रथों पर गंभीर शोध कार्य हो रहा है और इस क्षेत्र में भी उनके योगदान को देश-विदेश में जाना पहचाना जा रहा है। यह एक विशेष उपलब्धि है।
परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. प्रेम भण्डारी एवं समन्वयक डॉ. पी.पी. चटराज एवं परिषद के सक्रिय सदस्य देवेन्द्र हिरण ने बताया की महाराणा कुम्भा संगीत परिषद उदयपुर शास्त्रीय संगीत के प्रचार-प्रसार के प्रति समर्पित ऐसी संस्था है जो सन् 1962 से प्रति वर्ष एक वृहद् शास्त्रीय संगीत सम्मेलन लगातार करती आ रही है जो जन साधारण के लिए नि:शुल्क होता है। इसके अतिरिक्त समय-समय पर संगीत गोष्ठियों के माध्यम से भी संस्था अपना अभीष्ट कार्य करती रही है। जो वर्तमान में लगभग मासिक हो रही है और इसमें स्थानीय उदियमान कलाकारों के साथ-साथ राजस्थान व निकटवर्ती प्रदेशों के कलाकार भी भाग ले कर अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे है।
परिषद के उपाध्यक्ष डॉ के.एन. नाग ने कहा कि शहर में सांस्कृतिक वातावरण व संभावनाएं तो बहुत हैं लेकिन संसाधनों के लिए सरकार से भी समुचित सहयोग की भी अपेक्षा हैं। इस अवसर पर परिषद के उपाध्यक्ष सुशील दशोरा एवं दिनेश माथुर ने बताया कि इस वर्ष संगीत का मुरली नारायण माथुर पुरस्कार शास्त्रीय गायन के सुप्रसिद्ध कलाकार दिल्ली के पं. अजय पाहुनकर को दिया जाएगा। 53वें समारोह से अखिलेश जोशी द्वारा कुम्भा परिषद के तत्वाधान मे एक और पुरस्कार की स्थापना की जा रही है। परिषद के प्रथम अध्यक्ष स्व. श्री निरन्जन नाथ जी आचार्य की स्मृति में श्री निरन्जन नाथ आचार्य स्मृति पुरस्कार देश के एसे शास्त्रीय नृत्य एवं संगीत के कलाकार को दिया जायगा जिसने शास्त्री विद्या को आगे बढ़ाने मे महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। इस वर्ष का यह प्रथम पुरस्कार प्रसिद्ध कलाकार वरिष्ठ शहनाई वादक नई दिल्ली के पं. दयाशंकर को दिया जा रहा है।
परिषद के कोषाध्यक्ष महेश गीरी गोस्वामी ने बताया कि अखिल भारतीय स्तर के इस समारोह में कला एवं संस्कृति विभाग केन्द्र सरकार, राजस्थान सरकार, वेदान्ता-हिन्दुस्तान जिंक, स्टेट बैक ऑफ इण्डिया, आर.एस.एम.एम., सिंघल फाउण्डेशन, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र आदि सहित नगर के कई प्रतिष्ठानों के सहयोग एवं अनुदान से समारोह आयोजित हो रहा है। इस अवसर पर संयोजक हेमशंकर दीक्षित भी मौजूद थे।