तेरापंथ महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सम्मान
उदयपुर। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल दुग्गड़ ने कहा कि आप सभी यहां के निवासी धन्य हैं जो महाराणा प्रताप की शौर्यपूर्ण धरती पर रहते हैं। मैं कोलकाता से प्रतिवर्ष यहां सिर्फ महाराणा प्रताप के कारण हल्दीघाटी का तिलक करने आता हूं। वो महाराणा प्रताप जिन्होंने राजमहल छोड़ जंगलों में निवास किया। उस महान धरा को मेरा शत शत नमन।
वे शनिवार को अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में उनके स्वागत सम्मान में आयोजित समारोह को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्य संघीय तेरापंथ महासभा के साथ देश भर की 547 संस्थाएं जुड़ी हुई हैं। महासभा समाज का कोई भी बच्चा भूखा न सोए के उद्देश्य को लेकर जैन तुलसी फाउण्डेशन, बिना शिक्षा न रहे के लिए जैन अण्रुवत विश्व भारती आदि का संचालन कर रही है। गत वर्ष ही महासभा ने शताब्दी अक्षय निधि योजना बनाई जिसमें हर महासभा को अपने अपने स्थान पर तेरापंथ भवन बनाना है। इसके लिए 40 प्रतिशत राशि स्वयं को वहन करनी है और शेष 60 प्रतिशत राशि राष्ट्रीय महासभा देगी। फिलहाल अब तक हम तीन भवनों के लिए राशि जारी कर चुके हैं। इनमें से ही एक का रविवार को फतहनगर में उद्घाटन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष, महामंत्री आदि तो सभी संघीय व्यवस्थाएं हैं। आज है, कल कोई दूसरा आएगा हम तो सदैव कार्यकर्ता थे और रहेंगे। जब आप समाज, धर्मसंघ का कार्य करते हैं तो एक आत्मिक सात्विक अनुभूति होती है।
उन्होंने बताया कि दुबई में महासभा गठित हो चुकी है। लंदन में शीघ्र ही भवन बनने वाला है जहां 40 प्रतिशत राशि वहां के लोगों ने एकत्र की है। अगला उद्देश्य हमारा बैंकाक, हांगकांग और सिंगापुर है जहां तेरापंथ धर्मसंघ का झंडा फहराए। वहां तेरापंथ का अपना भवन हो। उन्होंने कहा कि जैन धर्म में भी तेरापंथ में जन्म लेना स्वयं के लिए गौरव की बात है। आचार्य महाप्रज्ञ और साध्वी कनकश्रीजी के सान्निध्य के कारण मैं इस ओर प्रेरित हुआ।
महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद बैद ने कहा कि शताब्दी अक्षय निधि के तहत कल फतहनगर में पहले भवन का उद्घाटन होगा। अध्यक्ष दुग्गड़ की यह महती योजना थी जो कल साकार होगी। श्री दुग्गड़ अब तक महासभा के सबसे युवा अध्यक्ष हैं जो महासभा की गतिविधियों को निरंतर संचालित कर रहे हैं। आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी समारोह के भी कई आयोजन हुए। महासभा अगला वर्ष संगठन वर्ष के रूप में मनाएगी। सभा का पहला कर्तव्य गुरुदेव के निर्देशानुसार समाज को अग्रसर करना, समाज के प्रत्येक परिवार के बच्चों को ज्ञानशाला भेजना, स्वयं मर्यादित, अनुशासित होना है।
इससे पूर्व तेरापंथी सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि देश भर में श्री दुग्गड़ कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहते हैं लेकिन उदयपुर में हमने आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी कार्यक्रमों के तहत सिलाई प्रशिक्षण, कम्प्यूटर प्रशिक्षण का आयोजन किया जो अनवरत है। इससे अब तक समाज व अन्य समाजजनों के सौ से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। सुविवि के साथ मिलकर आचार्य महाप्रज्ञ व्याख्यानमालाओं का आयोजन किया जा रहा है। हाल ही में पांचवीं व्याख्यानमाला हुई थी। सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय में आचार्य तुलसी एवं आचार्य महाप्रज्ञ दीर्घा का काम जारी है। इसी प्रकार महाप्रज्ञ विहार में आचार्य महाश्रमण भवन का कार्य भी चल रहा है। हम जल्द ही इसे पूरा करेंगे और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री दुग्गड़ के हाथों इसका उद्घाटन कराने का प्रयास करेंगे।
इससे पूर्व कार्यक्रम में आगंतुक अतिथियों महासभा के उपाध्यक्ष किशन डागलिया, महामंत्री विनोद बैद, कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र बोरड़, तुलसी दुग्गड़ का माल्यार्पण, उपरणा, मेवाड़ी पगड़ी, शॉल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया। स्वागत गीत शशि चह्वाण, सोनल सिंघवी एंड ग्रुप ने प्रस्तुत किया। ज्ञानशाला के बच्चों ने भी आकर्षक प्रस्तुतियां दी। अतिथि परिचय महासभा के उपाध्यक्ष सुबोध दुग्गड़ ने दिया। संचालन महामंत्री सूर्यप्रकाश मेहता ने किया। आभार महासभा के संरक्षक शांतिलाल सिंघवी ने व्यक्त किया।