बागोर की हवेली में प्रदर्शनी को मिली सराहना
उदयपुर। लखनऊ के कलाकारों द्वारा सृजित कृतियों की प्रदर्शनी ‘परवाज़’ पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की कला वीथी में सोमवार को प्रारम्भ हुई, जिसमें पेंटिंग्स, ग्राफिक एवं मूर्ति शिल्प का समावेश है।
प्रदर्शनी में ऐक्रेलिक व वाटर कलर से बनाये गए चित्र और 27 ग्राफिक प्रिंट्स शामिल हैं, जो लिथोग्राफी, वुडकट, एचिंग व एक्वाटिंट तकनीक से बनाये गये हैं। साथ ही मूर्ति कला के 5 काम भी सम्मिलित हैं जो टेराकोटा व मेटल मे निर्मित है। प्रदर्शनी का उद्घाटन वरिष्ठ चित्रकार डॉ. शैल चोयल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक फुरकान खान, चित्रकार छोटूलाल, सूरजीत चोयल आदि उपस्थित थे। प्रदर्शनी में पेंटर व प्रिंट मेकर संजय राज, करन सावनानी, संदीप राजपूत, शालिनी राणा एवं मूर्तिकार धीरज मंध्यानी और विभावरी सिंह सम्मिलित हैं। संजय, करन, संदीप, शालिनी व धीरज लखनऊ विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय के छात्र हैं और विभावरी सिंह वहां असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हैं।
युवा चित्रकार संजय ने दैनिक जीवन में हो रहे बदलाव एवं प्रकृति में हो रहे परिवर्तन को दिखाया है। वहीं संदीप ने अपने चित्रों एवं प्रिंट्स में बच्चों व जानवरों को लेकर अपने जीवन में आए परिवर्तन को दर्शाया है। करन के प्रिंट्स समाजवाद व नयी तकनीक से प्रेरित हैं एवं उनमें शहरी समाज के जीवन के प्रतिमान को दिखाया गया है। शालिनी ने अपने ग्राफिक प्रिंट्स के माध्यम से जानवरों की भावनाओं को मानव के प्रसंग में दिखाया है और सम्बंधित किया है और साथ ही किशोरावस्था में होने वाले आकर्षण एवं लत को भी अपने चित्रों में दर्शाया है। प्रदर्शनी में दर्शाये मूर्ति शिल्पों का सृजन विभिन्न माध्यमों से किया गया है। धीरज ने अपनी कृतियों में कलम के महत्व एवं उसकी शक्ति को दर्शाने का प्रयास किया है एवं दिखाया है कि किस प्रकार कलम मानव जीवन को प्रभावित करती है या कर सकती है। करन द्वारा चित्रित वाटर कलर लैंडस्केप भी प्रदर्शित हैं।