उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वहविद्यालय के तत्वावधान एवं पेसिफिक यूनिवर्सिटी के सहयोग से आयोजित पांच दिवसीय सोफेस्ट के दूसरे दिन विद्यार्थियों में विभिन्न प्रतियोगिताओं को लेकर अपूर्व उत्साह देखने को मिला। रविवार को पेसिफिक यूनिवर्सिटी के प्रताप सभागार में स्पॉट फोटोग्राफी, सुगम संगीत, गायन और वादन के साथ ही शास्त्रीय नृत्य प्रतियोगिताओं में सार्क देशों के साथ ही भारतीय प्रतिभागियों ने समां बांध दिया।
फोटोग्राफी के लिए कहा जाता है एक फोटो एक हजार शब्दों के बराबर होता है और अगर फोटो का कॉम्पीटिशन हो तो फिर क्या कहना। प्रतियोगिता को लेकर विद्यार्थियों का जोश चरम पर रहा। विभिन्न देषों से आये विद्यार्थियों के बीच स्पॉट फोटाग्राफी प्रतियोगिता आयोजित की गयी।
फोटोग्राफी प्रतियोगिता की थीम के तहत प्रतिभागियों ने विभिन्न स्थानों पर हो रहे कार्यक्रमों में जाकर फोटो खींचे। किसी ने डांस करते हुए विद्यार्थियों को कैमरे में कैद किया तो किसी ने ढोल नगाड़े बजाते हुए मनोरंजन करने वालों के फोटो खींचे। प्रतियोगिता में चार देशों के एक दर्जन से ज्यादा फोटाग्राफरों ने भाग लिया। थीम के तहत सभी को पांच फोटो खींचने का मौका दिया गया। इससे पहले स्पॉट फोटाग्राफी प्रतियोगिता का उद्घाटन भारतीय विश्वाविद्यालय संघ के संयुक्त सचिव सेमसन डेविड, पेसिफिक यूनिवर्सिटी के डीन पीजी हेमन्त कोठारी और पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस स्टडीज के निदेशक डॉ. महेन्द्र सोजतिया ने सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप जलाकर किया। यहां डॉ. सोजतिया ने विद्यार्थियों से कहा कि युवाओं में फोटोग्राफी को लेकर क्रेज देखा जा रहा है और इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं भी है जिसका लाभ इन्हें उठाना चाहिए।
स्पॉट फोटाग्राफी के लिए प्रतिभागियों को एक घंटे का समय दिया गया, समय को ध्यान में रखते हुए प्रतिभागियों ने जबरदस्त कौषन का परिचय देते हुए बेहतरीन फोटो कैमरे में कैद की। फोटोग्राफी के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते निणार्यकों ने प्रतिभागियों के फोटो को अंक दिये। प्रतियोगिता के निर्णायक राकेश राजदीप और क्लोड डिसूजा थे। प्रतियोगिता के बाद प्रतिभागियों ने कहा कि स्पॉट फोटाग्राफी में हिस्सा लेकर उन्हें काफी खुशी हो रही है क्योंकि उन्हें एक ही स्थान पर कई संस्कृतियों के फोटो खींचने का मौका जो मिला है। संचालन शैलेन्द्र सिंह भाटी और निवेदिता मनीष ने किया। स्पॉट फोटोग्राफी के संयोजक राहुल दर्जी थे। सुगम संगीत एकल और समूह प्रतियोगिता ने संगीत सुरों की सरिता बहा दी। प्रतिभागियों ने अपने अपने देषों की भाषाओं में गीत सुना कर दर्षकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। क्ले माडलिंग, जस्ट ए मिनट और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भी प्रतिभागियों ने अद्भुत प्रतिभा का परिचय दिया।
शाम को सुखाडिया विवि के विवेकानन्द सभागार में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में भूटान, श्रीलंका और अफगानिस्तान के प्रतिभागियों ने अपनी क्षेत्रीय परम्पराओं को दर्षाती गीत संगीत से भरी प्रस्तुतियों से रस वर्षा कर दी। प्रतिभागियों के साथ ही स्थानीय छात्र छात्राएं भी देर तक संगीत स्वर लहरियों पर झूमते रहे। सोमवार को फस पेन्टिंग, स्किल डवलपमेन्ट पर संगोष्ठी, एकाभिनय, हेरिटेज कल्चर क्विज, फैशन शो आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।