रथयात्रा कल पंहुचेगी से.5, भव्य स्वागत होगा
उदयपुर। राष्ट्रसंत गणिनी आर्यिका मां सुप्रकाशमति माताजी ने कहा कि मनुष्य को अपने भाग्य को दुर्भाग्य में नहीं सौभाग्य में बदलना चाहिये इसके लिए जीवन में कितने ही भौतिकता के साधन आ जाएं लेकिन जीवन को आध्यात्म की ओर ही चलना चाहिये।
वे आज अखिल भारतीय सुप्रकाश ज्योति मंच की ओर से आयोजित परिवार संस्कार रथयात्रा के कानपुर में प्रवासरत रहने पर वंहा आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहीं। देश में महातमा गांधी ने अहिींसा के माध्यम से लड़ाई लड़ कर देश को आजाद कराया। हमें भी अहिंसा के पथ पर ही चलने का प्रण लेकर अपने एंव दूसरों के जीवन का कल्याण करना चाहिये। हम गाय को माता मानते है और सबसे अधिक देश में गौ हत्या होती है। हमें जीवन में एक ही सूत्र, संसार में सभी जीव सुखी रहे, अपनाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि यदि हम चाहते है कि गौ हत्या नहीं हो तो हमें चमड़े के जूते, बेल्ट सहित अनेक प्रकार की चमड़े की वस्तुओं का त्याग करना होगा। यदि विश्व में सभी जैनी एंव हिन्दु चमड़े की वस्तुओं का त्याग कर देते हे तो देश में हिसंा ही नहीं होगी।
माताजी के साथ परिवार संस्कार रथयात्रा शनिवार को दोपहर 3 बजे गाजे बाजे के साथ रवाना हो कर 4 बजे मादड़ी स्थित यूनिक हाऊस में रात्रि प्रवास करेगी। वहां से यात्रा रविवार को हिरणमगरी से. 5 के लिये रवाना होगी।
समाज अध्यक्ष शंातिलाल वेलावत ने बताया कि गुरू मां रविवार को कानपुर से विहार प्रात: साढ़े आठ बजे श्रीचन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन समिति एंव विभिन्न समाजों के पदाधिकारियों द्वारा प्रात: साढ़े आठ बजे हिरणमगरी से. 5 स्थित साई बाबा मन्दिर पर स्वागत किया जाएगा। गुरू मां के साथ सभी समाजजन चार कदम अहिंसा के साथ ध्येय को लेकर साथ-साथ चलेंगे। हिरणमगरी से. 5 स्थित अंबामाता पार्क में तीन दिवसीय प्रवचनमाला आयोजित होगी जिसमें माताजी विभिन्न विषयों पर प्रवचन देगी।