चैत्र नवरात्रा स्थापना, चेटीचंड पर निकली शोभायात्रा
उदयपुर। चैत्र नवरात्रा में जहां शक्तिपीठों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी वहीं सिंधी समुदाय ने चेटीचंड त्योहार धूमधाम से मनाया। शहर में शोभायात्रा निकाली गई वहीं शाम को मेला भी लगाया गया।
भारतीय नववर्ष विक्रम संवत की शुरूआत में शहर के चौराहों व नुक्कड़ों पर छात्र-छात्राओं, आरएसएस के स्वयंसेवकों ने कुमकुम का तिलकर कर मिश्री, काली मिर्च व नीम की कोपलें देकर प्रसाद वितरित किया। शाम को दूधतलाई पर नववर्ष के आगमन में आतिशी स्वागत किया गया।
शहर के शक्तिपीठों अम्बामाता, नीमज माता, बेदला माता, हस्ती माता, कालका माता, आवरी माता, चामुंडा माता करणीमाता मंदिरों पर घटस्थापना कर ज्वारे बोए गए। माताजी की प्रतिमाओं को आकर्षक श्रृंगार धराया गया। देवालयों में ठाकुरजी की प्रतिमाओं को पंचामृत स्नान कराकर विशेष श्रृंगार धराया गया। कई मंदिरों में दुर्गा सप्तरशती के पाठ तो कहीं सुंदरकांड के पाठ आरंभ हुए जो रामनवमी तक चलेंगे। शक्तिपीठों पर आकर्षक सजावट की गई है।
सुबह भगवान झूलेलाल की पूजा अर्चना की गई। फिर धार्मिक झांकियों से सजी-धजी शोभायात्रा निकाली गई। शहर की सड़कें भगवान झूलेलाल के जयकारों से गूंजती रही। समाज की विभिन्नज पंचायतों की ओर से विविध कार्यक्रम हुए। सुबह झूलेलाल भवन में लाल सांई की पूजा अर्चना कर बहराणा साहब को सिर पर सनातन मंदिर ले जाया गया जहां अमर ज्योत से बहराणा साहब की ज्योत जलाकर शोभायात्रा रवाना हुई। शहर के विभिन्न मार्गों से होती निकली शोभायात्रा का विभिन्न संगठनों की ओर से जगह जगह स्वानगत किया गया। शाम को सिंधी मेला लगाया गया जिसमें पकवान, व्यंंजन, लस्सीे, चाउमिन, आइसक्रीम, दहीबड़े, छोले-भटूरे आदि का सिंधी समुदाय के लोगों ने खूब स्वाद लिया।