राजस्थान विद्यापीठ – एकेडमिक कोन्सिल की बैठक में लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय
बी.एससी. (कृषि) एवं कौशल विकास पर डिप्लोमा कोर्स इसी सत्र से प्रारंभ
उदयपुर। तीन वर्षीय एल.एलबी., बी.ए. एल.एल. बी. इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम, फिजियोथेरेपी चिकित्सा महाविद्यालय में डी.एम.एल.टी., डी.एम.आर.टी. दो वर्षीय पाठ्यक्रम, बी.एससी. कृर्षि में चार वर्षीय पाठ्यक्रम राजस्थान विद्यापीठ में इसी सत्र से प्रारंभ होंगे। यह निर्णय जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विष्वविद्यालय की एकेडमिक कौन्सिल की बैठक में किया गया।
अध्य्क्षता कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने की। उन्होंने बताया कि जनशिक्षण एवं विस्तार कार्यक्रम निदेशालय के अन्तर्गत संचालित ग्रामीण अंचल के सभी सामुदायिक केन्द्रों पर डिप्लोमा कोर्स प्रांरभ करने, कुभा कला केन्द्र में तीन व छः माह का गायन वादन एवं नृत्य पाठ्यक्रम प्रारंभ करने, कौशल विकास के एक वर्षीय डिप्लोमा कम्प्युटर एप्लीकेशन, छह माह कम्प्युटर सर्टीफिकेट कोर्स, तीन माह का कम्प्युटर एप्लीकेशन कोर्स, को प्रारंभ करने की स्वीकृति दी गई। रजिस्ट्रार प्रो. सी.पी. अग्रवाल ने बताया कि बेठक में कुल प्रमुख भंवरलाल गुर्जर, प्रो. पी.के. पंजाबी, प्रो. एस.के. मिश्रा, डॉ. शशि चितौड़ा, डॉ. अमिया गोस्वामी, प्रो. एन. एस. राव, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. जे.एस. खरकवाल, डॉ. धीरज जोशी, प्रो. अनिला शुक्ला, डॉ. मंजू मांडोत, डॉ. शैलेन्द्र मेहता, डॉ. एल.आर. पटेल, प्रो. जी.एम. मेहता, डॉ. एन.एस. जाफरी, डॉ. अलक नन्दा, डॉ. अर्पणा श्री वास्तव, सहित प्रोफेसर एवं रीडर उपस्थित थे।
ये हुए निर्णय : विधि महाविद्यालय इसी सत्र से : रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल ने बताया कि बैठक में केरियर बेसिस येाजना के अन्तर्गत विश्वविद्यालय में तीन वर्षीय एलएलबी एवं बीए एलएल बी इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु इसी सत्र से विधि महाविद्यालय प्रारंभ करने की स्वीकृति दी गई।
डीएमएलटी एवं डीएमआरटी इसी सत्र से : राज्य सरकार एवं राजस्थान पेरामेडिकल काउंसिल, जयपुर की अनुमति मिलने के पश्चात इसी सत्र से फिजियोथेरेपी चिकित्सा महाविद्यालय डबोक में डी.एम.एल.टी. एवं डी.एम.आर.टी. दो वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू करने की स्वीकृति दी गई।
वोकेशनल सर्टीफिकेट कोर्स : रजिस्ट्रार प्रो. सी.पी. अग्रवाल ने बताया कि बैठक में मोबाइल रिपेयरिंग, होम एप्लीकेशन रिपेयरिंग, एक महीने का सर्टीफिकेट कोर्स जिसमें वेब डिजाइनिंग, ई अकाउंटिंग के वोकेशनल सर्टीफिकेट कोर्स शुरू किये जाएंगे।
कौशल विकास प्रोग्राम : विद्यापीठ के सामुदायिक केन्द्रों पर कौशल विकास के टाई एण्ड डाई, बटिक आर्ट, स्टेनशिल प्रिन्ट, ब्लोक प्रिन्टिंग, स्क्रीन प्रिन्टिंग, ज्वेलरी मेकिंग, सोफ्ट टॉयज, थ्री डी लनिंग टेक्नोलॉजी के कोर्स ग्रामीण जन को सिखाये जायेंगे तथा उनके प्रमाण पत्र दिये जायेंगे जिससे वे अपने खुद का व्यापार शुरू कर सकेंगे।
विज्ञान विषय के पाठ्यक्रम एवं पीएचडी : स्नातकोत्तर स्तर पर रसायन विज्ञान का पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के साथ स्नातक स्तर पर अन्य विज्ञान विषयों के पाठ्यक्रम शुरू करने तथा रसायन विज्ञान में पीएच.डी. कराने की स्वीकृति दी गई।