देश भर से आये श्रावक-श्राविकाओं ने लिया उत्साह के साथ भाग
उदयपुर। सुप्रकाशमति ध्यान केन्द्र ट्रस्ट द्वारा अखिल भारतीय सुप्रकाश ज्योति मंच की उदयपुर शाखा के व्यवस्था सहयोग से शहर से करीब 10 किलेामीटर दूर स्थित बलीचा क्षेत्र में 51 हजार वर्गफीट भूमि पर निर्मित किये जा रहे ध्यानोदय क्षेत्र के प्रथम चरण में आज श्रीसुप्रकाशमति माताजी की निश्रा में मनोकामना पूर्ण कामधेनु शांतिनाथ भगवान मन्दिर के अष्टद्वार का स्थापना महोत्सव धूमधाम से आयोजित किया गया।
समारोह में भाग लेने के लिए समस्त दिगम्बर सकल जैन समाज के 3 हजार श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया। प्रारम्भ में 108 कलशों एवं पुष्पों के साथ 108 इन्द्र-इन्द्राणियों ने गुरू मां के जयकारें के साथ पाद प्रक्षालन कर भूमि को शुद्ध किया। गुरू मंा के पाण्डाल में प्रवेश पर उनका पुष्पों के साथ अभिनंदन किया गया। समारोह के ध्वजारोहण के लाभार्थी बसन्तीलाल व सुभाष धनावत एंव परिवार ने लिया।
समारोह में शेषपुर के त्रिमूर्ति साधना केन्द्र के पदाधिकारियों ने सुप्रकाशमति माताजी के गुरू आचार्य अभिनंदनसागर महाराज के चित्र का अनावरण किया। ध्यानोदय क्षेत्र में बनने वाली वेदी के पुण्यार्जक शंाता-नन्दकिशोर एवं परिवार ने अर्थ प्रदान करने की घोषणा की। मुख्य अतिथि उप जिला प्रमुख सुन्दरलाल भाणावत, भाजपा के युवा मोर्चा के पदाधिकारी डॉ. जिनेन्द्र शास्त्री गिर्वा की उप प्रधान प्रियंका जैन मौजूद थी। कार्यक्रम सह संयोजक प्रकाश सिंघवी ने बताया कि आगामी 5 वर्षो में 10 करोड़ की लागत से बनने वाले इस ध्यानोदय क्षेत्र में मन्दिर निर्माण, ध्यान स्थल, धर्मशाला, भोजनशाला, वात्सल्य भवन, आहार कक्ष बालिका छात्रावास सहित आठ प्रकल्पों का निर्माण होगा। इसके प्रथम चरण में डेढ़ करोड़ की लागत से बनने वाले 13 द्वार युक्त विशाल मनोकामना पूर्ण कामधेनु शांतिनाथ भगवान के मन्दिर में श्वेत पाषाण (संगमरमर) पर गुजरात एवं उड़ीसा के पिछले 4 वर्षों से कार्यरत 50 पारंगत शिल्पियों द्वारा विशेष नक्काशी का कार्य किया जा रहा है। उक्त मन्दिर वर्ष 2017 तक पूर्ण होगा।
ट्रस्टी ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि इस समारोह में 108 इन्द्र-इन्द्राणियों द्वारा 108 कलशों के साथ माताजी के चरण रज कर भूमि को शुद्ध किया गया। जो अपने आप में अनूठा व भव्य रूप लिये था। शहर की सभी महिला मण्डल की सदस्याओं ने संायकाल गुरू मां का अष्ट दृव्य से पूजन किया।
शाखा अध्यक्ष अशोक गोदरोत ने बताया कि समारोह में भाग लेने के लिए उदयपुर के अतिरिक्त मुबंई, कर्नाटक,बिहार सहित अनेक राज्यों से श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया। राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष रेणु जैन ने बताया कि सम्पूर्ण महिला मण्डल समारोह में भारतीय संस्कृति के दर्शन कराये।
ट्रस्टी हीरालाल मालवी ने बताया कि आठों ही द्वारों के पुण्र्याजकों द्वारा अष्ठ द्वारों की स्थापना सम्पादित की गई। इस अवसर पर गुरू मां सुप्रकाशमति माताजी द्वारा विशेष उद्बोधन दिया गया। डेढ़ करोड़ की लागत से बनने वाले इस मन्दिर का निर्माण 2 वर्ष में पूर्ण होगा। इस ध्यानोदय क्षेत्र में जिनागम पर आधारित रोग, शोक,तनाव, चिन्ता के निवारण हेतु ध्यान केन्द्र का भी निर्माण होने जा रहा है। उक्त ध्यान केन्द्र पर जैन धर्म पर आधारित ध्यान क्रिया सम्पन्न करायी जाएगी, जिससे आने वाले व्यक्ति को तनाव से मुक्ति मिलने के साथ ही आत्म बल में में वृद्धि होगी एंव मन में शान्ति बनी रहेगी। वहंा बालिकाओं के खेलने के लिए झूले पार्क का भी निर्माण होगा।
ध्यानोदय क्षेत्र में बाहर से आकर निवास करने वाले श्रद्धालुओं के लिए 1 करोड़ की लागत का मालिक निवास का निर्माण कराया जाएगा। श्रद्धालुओं को सात्विक एंव शुद्ध भोजन उपलब्ध हो उसके लिए एक करोड़ की लागत से भोजन शाला का निर्माण अपे्रल माह में प्रारम्भ किया जाएगा। इसमें 500 यात्री एक साथ बैठकर भोजन कर सकेंगे। ध्यानोदय क्षेत्र में 50 लाख की लागत से एक कार्यालय का निर्माण किया जाएगा जिसमें बाहर से आने वाले यात्रियों को रेल,बस, हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान की जाएगी। ट्रस्ट मण्डल के सभी सदस्य महेद्र राजावत, कमल प्रकाश आसपुर, रामगंज मण्डी के त्रिलोक सावला, नागपुर के हरीश हिकावत, मुबंई के निलेश कीकावत सहित अनेक सदस्यों ने समारोह में भाग ले कर व्यवस्था में सहयोग किया। स्थापना की रस्म प्रतिष्ठाचार्य विनोद पगारिया ने सम्पन्न करायी तथा संगीतमय भजनों की प्रस्तुति अर्जित एण्ड पार्टी ने दी। संध्याकाल में 108 इन्द्राणियों द्वारा ओम पंच परमेष्टि एवं गुरू मां की आरती की गई। कार्यक्रम का संचालन सोनिका मेहता एंव प्रकाश सिंघवी ने किया।