उदयपुर। डॉ. अम्बेडकर विचार मंच के तत्वावधान में डॉ. भीम राव अम्बेडकर की 125 वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में समारोह का आयोजन विद्यानिकेतन सेक्टर नं. 4 में सुबह 11 बजे किया गया। अध्यक्षता रिटायर्ड आरएएस बीआर भाटी ने की। अध्यक्षीय उद्बोधन में भाटी ने कहा कि बाबा साहब के सपनों को साकार करने के लिये सतत कार्य का संकल्पी समाज के सभी अंगों को लेना पड़ेगा।
मुख्य अतिथि रिटायर्ड निदेशक पन्नालाल मेघवाल ने बाबा साहब के मंत्रों में शिक्षा पर जोर देते हुए विशेष तौर पर बालिकाओं को शिक्षित करने का आग्रह किया। मुख्य वक्ता समाजसेवी महेशचन्द्र आमेटा ने बाबा साहब की जीवनी को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक असमानता प्राचीन काल में नहीं थी। बाबा साहब जानते थे कि यह गुलामीकाल की उपज थी एवं इससे समाज को उपर उठाने के लिये बाबा साहब जीवन पर्यन्त संघर्षरत रहे। आमेटा ने सर्व समाजों को संदेश देते हुए सामाजिक विषमता दूर करने के विभिन्न कार्यक्रमों में सहयोग करने का आव्हान किया।
सेवानिवृत महाविद्यालय प्राचार्य एमआर बारुपाल ने कहा कि शिक्षा के फलस्वरुप ही बाबा साहब को यह स्थान प्राप्त हो पाया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने शैक्षणिक परिदृश्य को विस्तृत में प्रस्तुत किया। बारुपाल ने कहा कि शिक्षा ही सम्पन्नता का द्वार है। चाहे वो अर्थाजन हो अथवा ख्याति अर्जन शिक्षा के बिना कोई भी संभव नही हैं। आरंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रो. हनुमान प्रसाद ने कार्यक्रम व संगठन की रुपरेखा प्रस्तुत की। संचालन प्रेमषंकर मेघवाल ने किया तथा धन्यवाद भंवरलाल मेघवाल ने दिया।